महानगर में अवैध रूप से संचालित आरओ प्लांट से हो रही है पानी की सप्लाई

खबर सार :-
बिजली संकट के साथ-साथ झांसी में पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। इस भीषण गर्मी में बिजली और पानी की आपूर्ति ध्वस्त होने से लोगों की नींद उड़ गई है। इन सबके बीच जनता को अवैध रूप से आरओ का पानी सप्लाई किया जा रहा है।

महानगर में अवैध रूप से संचालित आरओ प्लांट से हो रही है पानी की सप्लाई
खबर विस्तार : -

झांसीः बिजली संकट के साथ ही झांसी शहर में पानी का संकट भी है। इस भीषण गर्मी में अवैध पानी के कारोबारी अपने अवैध आरओ प्लांट के जरिए झांसी शहर और ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी सप्लाई कर रहे हैं।

अधिकांश आरओ प्लांट मालिकों के पास कोई लाइसेंस भी नहीं है। शहर में करीब 50 आरओ प्लांट संचालित हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश ने भूगर्भ विभाग से कोई अनुमति नहीं ली है। संबंधित विभाग भी सो रहे हैं। इनके पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। अब ये कारोबारी इतने बेखौफ हो गए हैं कि इन्हें न तो एनजीटी के आदेशों की परवाह है और न ही भूगर्भ विभाग के आदेशों की। संबंधित विभाग भी सिर्फ इन्हें नोटिस जारी कर अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं।

न तो इनके आरओ प्लांट की जांच की जा रही है और न ही इसकी गुणवत्ता के लिए कोई प्रयास किया जा रहा है। जनता इस तरह का पानी पीने को मजबूर है। शहर में 50 से ज्यादा आरओ वाटर प्लांट संचालित हैं, इनमें से अधिकांश ने भूगर्भ विभाग से एनओसी नहीं ली है। भूगर्भ विभाग ने इन्हें नोटिस जारी कर कहा है कि एनओसी लेकर अपना रजिस्ट्रेशन करा लें, नहीं तो इनका कारोबार बंद कर दिया जाएगा। नोडल अधिकारी भूगर्भ विभाग मनीष कनौजिया के अनुसार प्रत्येक आरओ वाटर प्लांट संचालक को भूगर्भ विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है, इसके बिना आरओ वाटर प्लांट का संचालन अवैध माना जाएगा। 

इस विभाग ने 30 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इस पूरी व्यवस्था के लिए भूगर्भ विभाग, नगर निगम, खाद्य विभाग और प्रदूषण विभाग की जिम्मेदारी तय है कि वे इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्लांट संचालकों पर निगरानी रखें और उचित कार्रवाई करें। भूजल प्रदूषित करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 6 माह से 1 साल की सजा और 2 से 5 लाख रुपये का जुर्माना है। दूसरी बार पकड़े जाने पर 2 से 5 साल की सजा और 5 से 10 लाख रुपये का जुर्माना है। तीसरी बार पकड़े जाने पर 7 से 10 साल की सजा और 10 से 20 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन इसका अवैध कारोबारियों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है और वे बेखौफ होकर अपना कारोबार चला रहे हैं।

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