प्रदेश में कोरोना की दस्तक से बुखार के मरीजों में भय और भ्रम की स्थिति

खबर सार :-
कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण बुखार के मरीजों में डर और भ्रम देखा जा रहा है। रोजाना कई ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें बुखार, खांसी-जुकाम है और उनका स्वाद गायब हो गया है, जिससे और डर बढ़ रहा है।

प्रदेश में कोरोना की दस्तक से बुखार के मरीजों में भय और भ्रम की स्थिति
खबर विस्तार : -

झांसीः प्रदेश में कोरोना संक्रमण की खबरें जनता में भय और भ्रम पैदा कर रही हैं। लोगों को बुखार होने और मुंह का स्वाद खोने पर उन्हें लगता है कि उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया है, जबकि वास्तव में ऐसा फिलहाल देखने को नहीं मिल रहा है। अगर मरीज में बुखार आदि जैसे लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत जांच करानी चाहिए, ये लक्षण वायरल बुखार के हो सकते हैं। वायरल बुखार के लक्षणों में आमतौर पर तेज बुखार, खांसी, बदन दर्द शामिल होता है, जिससे मरीज भ्रमित हो जाता है कि उसे कोरोना हुआ है या नहीं। 

वायरल बुखार में सर्दी-खांसी के लक्षण भी नजर आते हैं और इसमें मुंह का स्वाद भी खराब हो जाता है या गायब हो जाता है। झांसी जिला अस्पताल में ऐसे कई मरीज रोजाना आ रहे हैं जिन्हें बुखार, खांसी-जुकाम है और उनका स्वाद गायब हो गया है लेकिन उनकी सीवीसी रिपोर्ट और अन्य जांच सामान्य आ रही हैं, ऑक्सीजन लेवल भी ठीक आ रहा है, फिर भी उनका स्वाद गायब है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीएस गुप्ता के मुताबिक ऐसे मरीजों में देखा गया है कि वायरल बुखार ठीक होते ही उनके मुंह का स्वाद ठीक हो जाता है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में मरीज को घबराना नहीं चाहिए और अपनी पूरी जांच करानी चाहिए। 

उनका कहना है कि दूषित पेयजल के कारण मरीजों में टाइफाइड की संभावना बढ़ रही है। बुखार के साथ आ रहे अधिकतर मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हो रही है। डॉ. गुप्ता के अनुसार वायरल राइनाइटिस के कारण लोगों में खाने का स्वाद और गंध गायब हो रही है। उन्होंने इस मौसम को देखते हुए सावधानी बरतने को कहा कि अचानक गर्मी या ठंड के मौसम में बाहर न निकलें, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, शुद्ध पेयजल पिएं और बुखार आने पर लापरवाही न बरतें और अपनी पूरी जांच करवाएं।

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