नए बस स्टैंड के लिए नगर निगम ने परिवहन विभाग को दी जमीन, मिलेगी जाम से मुक्ति

खबर सार :-
नए बस स्टैंड निर्माण के लिए 7 एकड़ जमीन प्रदान कर दी गई है। इससे वर्षों पुरानी समस्या का निदान हो जाएगा। इस नए बस स्टैंड के निर्माण हो जाने के बाद मेडिकल रोड पर जाम की समस्या से भी काफी हद तक मुक्ति मिल जाएगी।

नए बस स्टैंड के लिए नगर निगम ने परिवहन विभाग को दी जमीन, मिलेगी जाम से मुक्ति
खबर विस्तार : -

झांसीः नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए नगर निगम ने कोछा भंवर में 7 एकड़ जमीन प्रदान कर दी है। इससे सालों पुरानी समस्या का समाधान अब हो जाएगा। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग वर्षों से इस क्षेत्र में नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए जमीन की खोज कर रहा थाए जो अब जाकर पूरी हो गई है। महापौर बिहारी लाल आर्य ने बताया की परिवहन विभाग को नए बस स्टैंड निर्माण के लिए 7 एकड़ जमीन प्रदान कर दी गई है। इससे वर्षों पुरानी समस्या का निदान हो जाएगा। इस नए बस स्टैंड के निर्माण हो जाने के बाद मेडिकल रोड पर जाम की समस्या से भी काफी हद तक मुक्ति मिल जाएगी। यह खबर स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। 

महापौर बिहारी लाल आर्य ने इस बारे में सहमति पत्र रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक संतोष कुमार को सौंप दिया। अब नई जमीन मिलने के बाद बस अड्डे को स्थानांतरित करने की सभी अडचने दूर हो गई हैं। अब इसके अस्तित्व में आने की एक सबसे बड़ी अड़चन दूर हो गयी है। रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि निविदा निकालकर शीघ्र ही नए बस स्टैंड के निर्माण कार्य को जल्द शुरू कराया जाएगा। वर्तमान बस स्टैंड जो मेडिकल रोड पर शहर के बीचो-बीच स्थित है। इससे स्थानीय राहगीरों को घंटों जाम का सामना करना पड़ता है। सिर्फ राहगीर ही परेशान नहीं होते मेडिकल रोड पर स्थित होने की वजह से गंभीर मरीजों जिन्हें तत्काल मेडिकल की जरूरत है समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पा रहे हैें। 

नए बस अड्डे के लिए विभाग द्वारा जमीन तलाश की जा रही थी लेकिन विवादों की वजह से जमीन फाइनल नहीं हो पा रही थी। अब नगर निगम ने 7 एकड़ जमीन देने का सहमति पत्र विभाग को दे दिया है। उम्मीद की जाती है शीघ्र ही कि नए बस स्टैंड निर्माण का कार्य शुरू हो सकेगा। नगर निगम सदन ने भी जमीन देने के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कोई अड़चन नहीं दिखाई दे रही है। वर्तमान में बस स्टैंड नगर निगम की जमीन पर ही स्थित है और नगर निगम विभाग से 25 पैसा प्रति बस के हिसाब से किराया वसूल करता है। इस तरह से परिवहन विभाग को लगभग 6 से 7 लाख रुपए महीना का किराया नगर निगम को देना पड़ता है।  

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