नगर निगम के भारी वाहनों के ईंधन खर्च की होगी कड़ी निगरानी: नगर आयुक्त आकांक्षा राणा

खबर सार :-
नगर निगम कमिश्नर ने अब भारी गाड़ियों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है, और उन गाड़ियों में GPS लगाने की तैयारी चल रही है जिनमें या तो GPS नहीं लगा है या जो खराब हैं। इससे गाड़ियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो सकेगी और तेल की धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।

नगर निगम के भारी वाहनों के ईंधन खर्च की होगी कड़ी निगरानी: नगर आयुक्त आकांक्षा राणा
खबर विस्तार : -

झांसीः नव नियुक्त नगर आयुक्त आकांक्षा नारायण ने अपनी तेज तर्रार कार्यशैली का परिचय देना शुरू कर दिया है। नगर निगम में हर माह 50 लाख रुपए से अधिक का डीजल एवं ईंधन खर्च होता है जिसका उन्होंने अब हिसाब देखने शुरू कर दिया है। 

जीपीएस लगाने की तैयारी

शुरुआती जांच में गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद उन्होंने इस तेल के खेल में लगाम लगाने के लिए कार्रवाइयां शुरू कर दी हैं। अब भारी वाहनों को डीजल खर्च का भी देना होगा पूरा हिसाब एवं नगर निगम के सभी डेढ़ सौ से ऊपर वाहनों पर जीपीएस लगाने की भी तैयारी शुरू कर दी है। नगर निगम में जेसीबी 14, डंपर 13, छोटा रोबोट मशीन 3 तथा चैन वाली रोबोट मशीन 3 है। इससे पहले भी नगर निगम द्वारा वाहनों में जीपीएस लगवाये जा चुके हैं।

लेकिन कर्मचारियों द्वारा इन्हें खराब कर दिया गया। नगर आयुक्त ने अब वाहनों में ऐसी जगह जीपीएस लगाने के निर्देश दिए हैं। जहां आसानी से छेड़छाड़ ना हो पाए इसके बाद भी यदि जीपीएस खराब होता है तो कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही जीपीएस लगाने वाली कंपनी को खराब जीपीएस को तत्काल सही करना होगा।

नगर आयुक्त ने शुरू की जांच

नगर निगम ने महानगर की सफाई व्यवस्था के लिए काफी कर्मचारी लगा रखे हैं कर्मचारियों के साथ-साथ डेढ़ सौ से ऊपर छोटे एवं बड़े वाहन भी लगाए गए हैं। नाला सफाई मलबे को उठाना एवं अन्य भारी काम इन वाहनों से किए जाते हैं। इन वाहनों को ऑपरेट करने के लिए नगर निगम ईंधन पर 50 लाख से ऊपर हर महीने खर्च करता है नगर आयुक्त आकांक्षा राणा ने इन वाहनों की जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है। जिससे शुरुआती दौर में उन्हें गड़बड़ी के संकेत मिले देखा गया कि रविवार को अवकाश के दिन भी कई बड़े वाहन पर डीजल का खर्च दिखाया जा रहा है। कई वाहन पर एक से अधिक बार डीजल की पर्ची जारी की जा रही हैं।

रखा जाएगा पूरा हिसाब

उन्होंने जेसीबी डंपर व रोबोट की निगरानी बढ़ा दी है इन वाहनों को डीजल की नियमित पर्ची तो जारी की जाएगी। लेकिन यदि वाहन चालक दूसरी या तीसरी बार डीजल डलवाते हैं तो उन्हें इसका पूरा हिसाब देना होगा। इस बारे में नगर आयुक्त झांसी आकांक्षा राणा का कहना है की महानगर की सफाई व्यवस्था में 154 वाहन लगाए गए हैं। शुरुआती जांच के बाद अब इन वाहनों में जीपीएस लगाने का निर्णय लिया गया है। जिससे वाहनों की ऑनलाइन निगरानी की जा सकेगी इसके अलावा भारी वाहनों को नियमित पर्ची के अलावा दूसरी या तीसरी बार डीजल की पर्ची जोन प्रभारी की अनुमति से ही जारी होगी और इसका पूरा हिसाब भी रखा जाएगा।

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