झांसी मेडिकल कॉलेज की लापरवाही ने बारिश में बहा दी लाखों की दवाएं

खबर सार :-
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगातार हो रही बारिश ने मेडिकल स्टोर की पोल खोल दी। छत से टपकते पानी ने लाखों रुपये की दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को भिगो दिया। प्रशासन ने देर से जागरूक होकर दवाओं को अन्यत्र शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन पहले से तैयारी न होने के कारण नुकसान हो चुका है। यह घटना मेडिकल संस्थानों की लापरवाही को उजागर करती है।

झांसी मेडिकल कॉलेज की लापरवाही ने बारिश में बहा दी लाखों की दवाएं
खबर विस्तार : -

झांसी। एक ओर जहां बारिश लोगों के लिए गरमी से राहत लेकर आई तो दूसरी तरफ झांसी महानगर के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में यह राहत आफत बन गई। पिछले हफ्ते से हो रही लगातार बारिश से कॉलेज के सेंट्रल मेडिकल स्टोर की छत टपकने लगी और वर्हां रखी लाखों रुपये की दवाइयों पर पानी की धार बहने लगी।

सिर्फ छत ही नहीं, दीवारें और गैलरी भी पानी से लथपथ हो गईं। स्टोर के भीतर रखे दर्जनों दवा कार्टून और चिकित्सा उपकरण गीले हो चुके हैं। टपकती छतों और भीगी दवाओं ने साफ कर दिया है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बारिश के मौसम को हल्के में लेकर लापरवाही बरती। अब दवा के उपयोग योग्य होने पर सवाल खड़े हो गए हैं।

समय रहते तैयारी नहीं की गई

सेंट्रल मेडिकल स्टोर की हालत देखकर साफ लगता है कि बरसात से पहले किसी प्रकार की कोई तैयारी नहीं थी। जानकारों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन को इस बात की जानकारी थी कि छत में सीपेज है और बारिश का मौसम करीब है, फिर भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। अब जब स्टोर में पानी भर गया है, तो अफरा-तफरी में दवाओं को इधर-उधर शिफ्ट किया जा रहा है।

एक स्थानीय कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हर साल यही हाल होता है। बारिश आते ही छत से पानी टपकता है, पर कोई ठोस इंतजाम नहीं किया जाता।” यही नहीं, जिन कार्टनों में उपकरण और सर्जिकल आइटम रखे गए थे, वे भी भीग चुके हैं। अब सवाल यह है कि ये सामग्री सूखने के बाद भी उपयोग लायक बचेगी या नहीं।

प्रशासन ने दी सफाई, बचाव में जुटा अमला

सिचुएशन बिगड़ने के बाद कॉलेज प्रशासन हरकत में आया। मेडिकल कॉलेज के एसआईसी डॉ. सचिन माहुर ने कहा कि उन्हें जैसे ही सेंट्रल स्टोर में पानी भरने की जानकारी मिली, तत्काल सभी कीमती दवाओं और उपकरणों को अन्य सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए। 

डॉ. माहुर ने यह भी कहा कि शुक्रवार तक सभी जरूरी दवाएं और उपकरण समुचितं रूप से दूसरी जगह पहुंचा दिए जाएंगे। हालांकि, यह बात खुद में सवाल पैदा करती है कि अगर पानी भरने की संभावना पहले से थी, तो पहले इंतजाम क्यों नहीं किए गए?

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