Encroachment on Jhansi Fort : झांसी के ऐतिहासिक किले पर फिर अतिक्रमण, संरक्षित दीवार तोड़ी गई

खबर सार :-
Encroachment on Jhansi Fort : झांसी में रानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक किले की संरक्षित भूमि पर अतिक्रमण का मामला फिर सामने आया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार को अतिक्रमणकारियों ने तोड़ दिया है। कोर्ट के आदेश के बावजूद अवैध कब्जा जारी है और विभाग के कर्मचारियों के साथ भी बदसलूकी की गई है।

Encroachment on Jhansi Fort : झांसी के ऐतिहासिक किले पर फिर अतिक्रमण, संरक्षित दीवार तोड़ी गई
खबर विस्तार : -

Encroachment on Jhansi Fort : झाँसी में अतिक्रमण करने वालों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे अब सरकारी और ऐतिहासिक जमीनों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। रानी लक्ष्मीबाई के किले की संरक्षित भूमि को बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार को अतिक्रमणकारियों ने फिर से तोड़ दिया है। इससे परेशान होकर विभाग ने उच्च अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है।

Encroachment on Jhansi Fort : संरक्षित भूमि पर लगातार कब्जा

यह मामला साल 1987 से चल रहा है, जब सेना ने किले को ASI को सौंपा था। किले के झरना गेट के पास ट्रकों के खड़े होने से एक अस्थाई ट्रांसपोर्ट नगर बन गया था। लंबे संघर्ष के बाद विभाग ने ट्रकों को हटवाया और टूटी हुई दीवारों की मरम्मत करवाकर जगह को सुरक्षित किया। इसके बावजूद कुछ लोगों ने इस संरक्षित स्थल पर कब्जा कर लिया।

मामला कोर्ट तक पहुंचा, जहाँ न्यायालय ने ASI के पक्ष में फैसला सुनाया। 7 जुलाई 2020 को कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि झरना गेट के पास 300 वर्ग मीटर की यह भूमि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, लखनऊ सर्कल की है और इस पर किसी भी तरह का निर्माण या अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद, अतिक्रमणकारियों पर इस आदेश का कोई असर नहीं हुआ।

Encroachment on Jhansi Fort : कर्मचारियों से बदसलूकी और बंधक बनाने की घटना

हाल ही में जब ASI के कर्मचारी कोर्ट के आदेश की प्रति के साथ दीवार की मरम्मत कराने पहुँचे, तो अतिक्रमणकारियों ने मिस्त्री को बंधक बना लिया और सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल फोन छीन लिए। उन्होंने दीवार तोड़कर दोबारा कब्जा करने की कोशिश की।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, झांसी के सर्वेक्षण सहायक, अभिषेक सिंह ने बताया कि विभाग कई बार अतिक्रमण हटाने का प्रयास कर चुका है। हर बार पक्की दीवार बनाने पर उसे तोड़ दिया जाता है और सुरक्षाकर्मियों से भी बदसलूकी की जाती है। उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर कोर्ट के आदेश का पालन कराने की मांग की है।

अन्य प्रमुख खबरें