बाल विवाह उन्मूलन के लिए अयोध्या में '100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान' की शुरुआत

खबर सार :-
अयोध्या में अपराजिता सामाजिक समिति ने ‘100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान’ के तहत बाल विवाह उन्मूलन के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करने की घोषणा की। अभियान तीन चरणों में संचालित किया जाएगा।

बाल विवाह उन्मूलन के लिए अयोध्या में '100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान' की शुरुआत
खबर विस्तार : -

अयोध्या : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा नई दिल्ली में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान की शुरुआत के बाद, अपराजिता सामाजिक समिति ने घोषणा की है कि वह इस अभियान को अयोध्या में तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन और सभी संबंधित विभागों के साथ गहन समन्वय में काम करेगी। यह अभियान बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर शुरू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन सभी सामाजिक और संरचनात्मक कारणों को समाप्त करना है, जो बाल विवाह को बढ़ावा देते हैं।

अपराजिता की निदेशक किरन बैस ने इस अवसर पर कहा कि, 'अयोध्या में बाल विवाह रोकथाम के क्षेत्र में जिला प्रशासन का सहयोग अत्यंत प्रभावी रहा है और इस क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'देश का शीर्ष नेतृत्व बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सामूहिक प्रयासों के बल पर यह संभव है कि भारत 2030 से पहले इस अपराध से मुक्त हो जाए। हम अयोध्या में समुदायों, बच्चों, परिवारों और संस्थानों के साथ मिलकर एक सुरक्षित और न्यायसंगत वातावरण बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।'

अपराजिता सामाजिक समिति, जो कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन नेटवर्क की सहयोगी संस्था है, पिछले एक साल में देशभर में एक लाख से अधिक बाल विवाह रोकने में सफलता हासिल कर चुकी है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस नेटवर्क के 250 से अधिक संगठन देशभर में बाल अधिकारों और बाल विवाह उन्मूलन के लिए कार्य कर रहे हैं।

100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान का तीन चरणों में संचालन:

अपराजिता ने बताया कि ‘100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान’ को तीन प्रमुख चरणों में संचालित किया जाएगा:

1. पहला चरण: स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
2. दूसरा चरण: धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे और विवाह से जुड़े सेवा प्रदाताओं (जैसे हलवाई, बैंड, बैंक्वेट हॉल) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
3. तीसरा चरण: ग्राम पंचायतों, नगर वार्डों और समुदाय स्तर पर निगरानी, भागीदारी और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।

अपराजिता ने कहा कि अयोध्या में बाल विवाह के उन्मूलन के लिए सभी हितधारक एकजुट होकर कार्य करेंगे। उनका विश्वास है कि यह अभियान सामाजिक जागरूकता, सामुदायिक सहयोग और प्रशासनिक प्रतिबद्धता के माध्यम से निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेगा।

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