आरएसएस का इतिहास विषय शामिल करेगा राजश्री टंडन मुक्त विश्वविद्यालय

खबर सार :-
विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और स्वैच्छिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने एक अनूठी पहल शुरू की है। कुलपति ने बताया कि राजश्री टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में नए सत्र से आरएसएस इतिहास को एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।

आरएसएस का इतिहास विषय शामिल करेगा राजश्री टंडन मुक्त विश्वविद्यालय
खबर विस्तार : -

झांसीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अब स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में आरएसएस का इतिहास पढ़ाएगा। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पाठ्यक्रम में आरएसएस के इतिहास को शामिल करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद, इसे अध्ययन बोर्ड, संकाय बोर्ड, शैक्षणिक परिषद और कार्यकारी परिषद के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया 26 जनवरी, प्रवेश सत्र की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी और पाठ्यक्रम में शामिल कर ली जाएगी।

भारतीय ज्ञान परंपरा बढ़ेगी आगे

कुलपति ने आगे बताया कि यह कदम आरएसएस की भारतीय ज्ञान परंपरा और राष्ट्र निर्माण में उसके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए उठाया गया है। क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. पुष्पेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि इस निर्णय से विद्यार्थियों को इतिहास को समझने और ज्ञान अर्जित करने के नए अवसर प्राप्त होंगे। इस प्रकार, राजश्री टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है।

साकार होगा विकसित राष्ट्र का सपना

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि भारतीय जीवनशैली पारंपरिक मूल्यों, सामाजिक समरसता, परस्पर स्नेह और आत्मीयता पर आधारित है। मानवीय मूल्यों के विकास और आदर्शों के उत्थान में भारतीय जीवनशैली की महत्वपूर्ण उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस कदम से युवाओं में राष्ट्रवाद के प्रति विशिष्टता का भाव जागृत होगा और एक विकसित राष्ट्र की संकल्पना साकार होगी।

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