गुना की सिहरन भरी घटनाः बीजेपी नेता पर किसान को जीप से रौंदने और बेटियों पर जुल्म का गंभीर आरोप, इलाज के क्रम में किसान की दर्दनाक मौत

खबर सार :-
किसान रामस्वरूप को थार जीप से कुचलकर हत्या करने का आरोप। बचाव में आई बेटियों के कपड़े फाड़े गए। इलाज के दौरान किसान की मौत; पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू की। परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।

गुना की सिहरन भरी घटनाः बीजेपी नेता पर किसान को जीप से रौंदने और बेटियों पर जुल्म का गंभीर आरोप, इलाज के क्रम में किसान की दर्दनाक मौत
खबर विस्तार : -

गुना: मध्य प्रदेश के गुना से आ रही एक ऐसी अमानवीय घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। यहां एक किसान परिवार पर दबंगों की क्रूरता ने सारी मानवता को शर्मसार कर दिया। फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव में बीते रविवार को दोपहर के समय जमीनी विवाद के नाम पर हुए खूनी खेल में एक निर्दाेष किसान को जीप से बार-बार कुचल दिया गया, जिसकी वजह से उसकी सांसें रूक गईं। इतना ही नहीं, जब परिवार की बेटियां पिता को बचाने के लिए आईं, तो उनको भी दबंगों की बर्बरता का शिकार होना पड़ा। उनके कपड़े फाड़े गए और अपमानजनक तरीके से उन पर हमला किया गया। इस दिल दहला देने वाली वारदात का मुख्य आरोपी बीजेपी का नेता महेंद्र नागर बताया जा रहा है, जिसकी वजह से राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है।

थार जीप से किसान को चार बार रौंदा

घटना की शुरुआत दोपहर के उसी वक्त हुई, जब रामस्वरूप धाकड़ नाम के इस साधारण किसान परिवार के मुखिया अपने खेत की ओर जा रहे थे, तभी एक गुट ने उन पर अचानक लाठियां और डंडे बरसाए। गुस्से में हमलावरों ने रामस्वरूप को जमीन पर गिरा दिया और फिर महेंद्र नागर की थार जीप से उन्हें चार-पांच बार रौंद डाला। चीख-पुकार मच गई, लेकिन दबंगों का कहर थमा ही नहीं। रामस्वरूप के मामा और उनकी पत्नी पर भी फरसे और गंडासों से वार किए गए, जिससे वे लहूलुहान हो गए। परिवार के सदस्यों के मुताबिक, करीब 10-15 की भीड़ ने इस नृशंस हमले को अंजाम दिया, और रामस्वरूप को अधमरा छोड़कर भाग निकले।

महेंद्र नागर ने बचाने आईं मासूम लड़कियों पर हाथ साफ किया

सबसे ज्यादा दिल तोड़ने वाली कड़ी तब आई, जब रामस्वरूप की बेटियां और भतीजी पिता-चाचा को बचाने के लिए बीच-बचाव में कूद पड़ीं। आरोप है कि महेंद्र नागर ने उन मासूम लड़कियों पर हाथ साफ कर दिया, उन्हें मारा-पीटा, छाती पर बैठ गया और हाथापाई में उनके कपड़े तक फाड़ डाले। एक बेटी ने रोते हुए बताया, पिता को बचाने मैं दौड़ी तो वो मेरे ऊपर चढ़ गए। मेरे झुमके उखाड़ लिए, कपड़े चीर डाले और बाहर धकेल दिया। इस जुल्म की वजह से परिवार की महिलाओं को गंभीर चोटें आईं, और पूरे घर में सन्नाटा पसर गया। रामस्वरूप को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन देरी से मिले इलाज के चलते सोमवार सुबह उनकी सांसें थम गईं। अब एक मजबूत किसान का परिवार विधवा और अनाथ बेटियों के सहारे तड़प रहा है।

महेंद्र नागर समेत हमलावरों की तलाश तेज

पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर चार घायलों को उपचार के लिए भेजा। फतेहगढ़ थाने के अधिकारीयों के अनुसार, रामस्वरूप की पत्नी की शिकायत पर हत्या, मारपीट और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। महेंद्र नागर समेत हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है, और जल्द ही गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। जिले के एसपी ने कहा, ष्ये बेहद संवेदनशील मामला है। हम निष्पक्ष जांच करेंगे और दोषियों को सख्त सजा दिलाएंगे, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि आखिर जमीनी विवाद कैसे इतना खूनी रंग ले लेता है? क्या दबंगों को कानून से ऊपर समझा जाता है? इस घटना ने गुना के किसान समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन की चेतावनी दी है, जबकि बीजेपी नेतृत्व ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। रामस्वरूप का परिवार अब इंसाफ की आस लगाए बैठा है, लेकिन ये सवाल सबके जेहन में कौंध रहा हैकृक्या ग्रामीण भारत में न्याय की रोशनी कभी पूरी तरह चमकेगी? ये वारदात न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज की उस काली सच्चाई का आईना भी है, जहां ताकतवर कमजोरों को कुचलते चले जाते हैं।

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