पीलीभीत: जिले में बदनाम लस्सी की दुकान के मालिक और उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के मंडल उपाध्यक्ष डालचंद सक्सेना के यहां GST चोरी पकड़ी गई। छापेमारी में पता चला कि पिछले फाइनेंशियल ईयर में 1.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा की भारी बिक्री के बावजूद दुकान ने सिर्फ़ 50,000 रुपये टैक्स दिया, जबकि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में धोखाधड़ी से ITC का फ़ायदा उठाकर रेवेन्यू को चूना लगाया। जांच के बाद टीम ने न सिर्फ़ स्टॉक ज़ब्त किया, बल्कि टैक्स चोरी का एक लंबा इतिहास भी उजागर किया।
इनसे कुल 17.50 लाख रुपये टैक्स वसूला गया, जिसमें से उन्होंने मौके पर ही 2 लाख रुपये जमा कर दिए। टीम ने उन्हें बाकी टैक्स चुकाने के लिए 10 दिसंबर तक का समय दिया है। दूसरे डॉक्यूमेंट भी ज़ब्त किए गए। छापेमारी से व्यापारियों में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर दुकान के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। हालांकि, टीम ने अपनी जांच जारी रखी। बता दें कि चैंबर ऑफ कॉमर्स के बोर्ड प्रेसिडेंट की दुकान पर छापे की जानकारी मिलने पर संगठन और दूसरे व्यापारी भी मौके पर पहुंच गए।
शुरू में दबाव बनाने की कोशिश की गई, लेकिन वे टीम के आगे टिक नहीं पाए। चार घंटे की जांच के दौरान, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में ₹1.5 करोड़ (1.5 करोड़ रुपये) की बिक्री बताई गई, जिससे ₹17.50 लाख (17.50 लाख रुपये) का टैक्स बना। हालांकि, टैक्स के तौर पर सिर्फ ₹50,000 का पेमेंट किया गया। इसके अलावा, दुकान के लिए खरीदे गए दूध, चीनी, खोया वगैरह पर भी टैक्स चोरी देखी गई। उन्होंने ITC के तहत फायदे का दावा किया। इसके अलावा, मौके पर मौजूद ग्राहकों को कोई बिल नहीं दिया गया। जब उनसे पिछले फाइनेंशियल ईयर के खरीद-बिक्री के बिल मांगे गए, तो वे नहीं दिखा पाए, जिससे साफ तौर पर टैक्स चोरी साबित हुई। इसके अलावा, मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में भी टैक्स चोरी देखी गई है।
इसके अलावा, स्टॉक रिकॉर्ड भी गायब थे। टीम ने उनसे टैक्स भरने को कहा। संचालक डालचंद सक्सेना ने मौके पर ही दो लाख रुपये जमा कर दिए। टीम ने उन्हें 10 दिसंबर तक बकाया टैक्स भरने के निर्देश दिए। एक नोटिस भी जारी किया गया। छापे के बाद, यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि GST टीम बदनाम होटल की दूसरी ब्रांच को भी टारगेट कर रही है। हालांकि, टीम ने होटल पर छापा नहीं मारा। रिपोर्ट्स बताती हैं कि टीम गोपनीय जांच कर रही है। टीम में वेदप्रकाश शुक्ला, योगेंद्र सिंह और ताराचंद शामिल थे। इस बीच, व्यापारी नेता डालचंद सक्सेना ने कहा कि टीम द्वारा मांगी गई सभी जानकारी दे दी गई है।
टैक्स चोरी के अलावा, बदनाम लस्सी दुकान और गोदाम में मिले स्टॉक का कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा सका। दुकान में बड़ी मात्रा में खाने-पीने की कई चीज़ें और दूसरी चीज़ें मिलीं, लेकिन उनके बिल रिकॉर्ड नहीं मिले। इसके अलावा, टीम ने उनका स्टॉक भी सील कर दिया, यह दावा करते हुए कि उन्होंने खरीदे गए सामान पर ITC लगाकर टैक्स की चोरी की है। उनसे रिकॉर्ड भी दिखाने को कहा गया। इतना ही नहीं, मौजूदा स्टॉक और खरीद-बिक्री के बिल भी मांगे गए हैं।
GST कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि बदनाम लस्सी की दुकान पर टैक्स चोरी और बिल न देने की शिकायतें मिल रही थीं। इसी सिलसिले में छापा मारा गया। छापे के दौरान पिछले साल की 17.50 लाख रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई। संचालक ने मौके पर ही 2 लाख रुपये जमा कर दिए। बाकी रकम के लिए उन्हें समय दिया गया है। इसके अलावा, रिकॉर्ड और स्टॉक सील कर दिया गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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