गाजीपुर पुलिस का बड़ा एक्शन: मुख्तार अंसारी के करीबी रेयाज अंसारी की 24 करोड़ की संपत्ति कुर्क

खबर सार :-
गाजीपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी के करीबी रेयाज अंसारी की करीब 24 करोड़ की बेनामी संपत्ति कुर्क कर बड़ी सफलता पाई है। यह संपत्ति अवैध गतिविधियों से अर्जित धन से खरीदी गई थी। कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार की माफियाविरोधी नीति के तहत की गई, जिसमें जिलाधिकारी ने कुर्की का आदेश जारी किया।

गाजीपुर पुलिस का बड़ा एक्शन: मुख्तार अंसारी के करीबी रेयाज अंसारी की 24 करोड़ की संपत्ति कुर्क
खबर विस्तार : -

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश सरकार की "जीरो टॉलरेंस" नीति के तहत गाजीपुर पुलिस ने एक और बड़ा कदम उठाया है। कुख्यात आईएस-191 गैंग के पूर्व सरगना मृत मुख्तार अंसारी के करीबी और सहयोगी रेयाज अहमद अंसारी की लगभग ₹24 करोड़ की बेनामी अचल संपत्ति को उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 की धारा 14(1) के अंतर्गत कुर्क कर लिया गया है। इस कार्रवाई को जिलाधिकारी गाजीपुर द्वारा पारित आदेश के आधार पर अंजाम दिया गया, जिसे पुलिस अधीक्षक गाजीपुर की संस्तुति और थाना कासिमाबाद के प्रभारी निरीक्षक की रिपोर्ट पर जारी किया गया था।

रेयाज अंसारी की संपत्ति फरार सहयोगी के नाम से थी दर्ज

जांच में सामने आया कि रेयाज अंसारी ने अपराध से अर्जित धन से जो संपत्ति खरीदी थी, वह सीधे तौर पर अपने फरार सहयोगी परवेज जमाल की पत्नी यासमीन जमाल और उसके पिता ऐनुलहक के नाम से रजिस्टर्ड थी। यह संपत्ति बहादुरगंज (कासिमाबाद), जनपद गाजीपुर क्षेत्र में स्थित है और इसकी अनुमानित बाजारू कीमत करीब 24 करोड़ रुपये आंकी गई है। गाजीपुर प्रशासन ने यह कार्रवाई राज्य सरकार की उस नीति के तहत की है, जिसमें संगठित अपराध और माफिया तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया है।

अपराध की लंबी फेहरिस्त

रेयाज के खिलाफ 11 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या की कोशिश, जालसाजी, गैंगस्टर एक्ट, धमकी, सरकारी कार्य में बाधा, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, और एससी/एसटी एक्ट शामिल हैं।

परवेज जमाल का आपराधिक इतिहास : परवेज जमाल पर भी कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज हैं, जिनमें जालसाजी, धोखाधड़ी, गैंगस्टर एक्ट और नई दंड संहिता (BNS) के अंतर्गत अपराध शामिल हैं। वह वर्तमान में फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

सरकार की सख्ती, माफियाओं पर तगड़ा प्रहार

इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ किसी भी स्तर पर नरमी बरतने के मूड में नहीं है। विशेषकर उन अपराधियों पर जो माफिया नेटवर्क से जुड़े रहे हैं और अवैध रूप से धन-संपत्ति इकट्ठा कर समाज में डर और दबदबा फैलाते रहे हैं।

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