Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पर काशी में उमड़ा जनसैलाब, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

खबर सार :-
Ganga Dussehra: मान्यता है कि इस दिन राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा भगवान शिव की जटाओं से धरती पर आई थीं। दशहरा पर गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है

Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पर काशी में उमड़ा जनसैलाब, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
खबर विस्तार : -

Ganga Dussehra: गंगा दशहरा के अवसर पर काशी के पवित्र संगम तट पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान प्राचीन दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट,  राजेंद्र प्रसाद घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी, भैसासुर, खिड़किया घाट पर स्नानार्थियों ने गंगा में डूबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने 'हर-हर गंगे' और 'जय गंगे मैया' के नारों के साथ पूजा-अर्चना की।

हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाने वाला गंगा दशहरा विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा भगवान शिव की जटाओं से धरती पर आई थीं। दशहरा पर गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन मां गंगा की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करने से शारीरिक, वाचिक और मानसिक दोष नष्ट होते हैं।

Ganga Dussehra: सुरक्षा के कड़े इंतजाम 

 गुरुवार को सुबह करीब चार बजे से लेकर दिनभर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंचते रहे। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा की उत्तरवाहिनी में डुबकी लगाई। साथ दान-पुण्य के बाद देवगुरु बृहस्पति और श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया।  प्रशासन ने गंगा तट से लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा की ओर जाने वाले मार्गों पर यातायात पर भी रोक लगा दी गई है।

आज ही के दिन मां गंगा का पृथ्वी पर हुआ था अवतरण

मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को वृषभ लग्न में मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। इस दिन हजारों वर्ष पूर्व स्वर्ग से गंगा नदी धरती पर आई थी और पापों का नाश करने तथा जीवों का उद्धार करने के उद्देश्य से धरती पर ही रही थी। तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा 5 जून 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन उत्तर प्रदेश में लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा नदी के तट पर डुबकी लगाते हैं और अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं। इस गंगा दशहरा पर आप भी पवित्र डुबकी लगाएं और अपने जीवन को पवित्रता से भर लें।

Ganga Dussehra: स्नान दान पर विशेष महत्व

गौरतलब है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मौके पर गंगा सेवा निधि की ओर से दशाश्वमेध घाट पर शाम को भव्य गंगा दशहरा महोत्सव का आयोजन किया गया है। मां भगवती के धरती पर अवतरण दिवस के पावन अवसर पर वैदिक रीति से मां गंगा का पूजन किया जाएगा, तत्पश्चात भव्य महाआरती के साथ ही घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम शाम छह बजे से शुरू होगा।

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