मोबाइल पहुंचाने के आरोप में पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी गिरफ्तार, जेल सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Summary : मुजफ्फरनगर जिला जेल से जुड़े एक बड़े खुलासे ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुरहापुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी को बुधवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार किया।

मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर जिला जेल से जुड़े एक बड़े खुलासे ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुरहापुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी को बुधवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने जेल में बंद अपने रिश्तेदार शाहनवाज राणा को अवैध रूप से मोबाइल फोन पहुंचाया। घटना तब उजागर हुई जब जेल प्रशासन ने एक नियमित तलाशी अभियान के दौरान शाहनवाज राणा के पास से एक स्मार्टफोन बरामद किया। इस मोबाइल की मौजूदगी पर संदेह होने पर पुलिस ने जांच शुरू की और छानबीन में जो सच सामने आया, उसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि मोबाइल फोन की बरामदगी के बाद मोहम्मद गाजी को पूछताछ के लिए नई मंडी थाने बुलाया गया था। जांच में यह साफ हुआ कि गाजी ने ही यह फोन शाहनवाज राणा तक पहुँचाया था। गौरतलब है कि शाहनवाज राणा, गाजी का रिश्तेदार है—राणा का बेटा गाजी का दामाद है।

जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल? बड़ी लापरवाही या अंदरूनी मिलीभगत?

शाहनवाज राणा, जो एक स्थानीय स्टील फैक्ट्री में GST रेड में हस्तक्षेप के आरोप में 5 दिसंबर 2024 से जेल में है, को न्यायिक हिरासत में रखा गया था। मोबाइल फोन की जेल के भीतर उपस्थिति यह संकेत देती है कि या तो किसी भीतर के कर्मचारी की मिलीभगत रही या सुरक्षा जांच में बड़ी चूक हुई। एसपी प्रजापत ने बताया, “पूछताछ में गाजी की संलिप्तता साफ हो चुकी है, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। जांच अभी जारी है और अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।”

क्या जेल में VIP ट्रीटमेंट मिल रहा था?

इस मामले ने जेल में वीआईपी कैदियों को मिलने वाली विशेष सुविधाओं पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अब यह देखा जाना बाकी है कि और किन-किन लोगों की संलिप्तता इस पूरे षड्यंत्र में रही है।
 

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