फर्रुखाबाद में बड़ा हादसा टला: टेकऑफ के दौरान झाड़ियों में उतरा निजी विमान, यात्रियों की सांसें अटकीं

खबर सार :-
फर्रुखाबाद एयरस्ट्रिप पर हुआ यह विमान हादसा एक बड़ी त्रासदी में बदल सकता था, लेकिन सौभाग्य से सभी यात्री सुरक्षित हैं। तकनीकी खामी और प्रशासनिक लापरवाही इस घटना के मुख्य कारण रहे। यह घटना बताती है कि छोटे हवाई अड्डों पर उड़ान सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

फर्रुखाबाद में बड़ा हादसा टला: टेकऑफ के दौरान झाड़ियों में उतरा निजी विमान, यात्रियों की सांसें अटकीं
खबर विस्तार : -

Farrukhabad Plane Accident:  उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में एक बड़ा हवाई हादसा उस वक्त टल गया जब मोहम्मदाबाद स्थित राजकीय हवाई पट्टी से उड़ान भरते ही एक निजी जेट विमान रनवे से फिसलकर झाड़ियों में जा घुसा। यह घटना 8 अक्टूबर 2025 की सुबह लगभग 10:30 बजे की है। विमान में सवार यात्रियों में वीयर फैक्ट्री के डीएमडी अजय अरोड़ा, एसबीआई हेड सुमित शर्मा, और बीपीओ राकेश टीकू मौजूद थे, जो खिमसेपुर औद्योगिक कार्य क्षेत्र में बन रही वीयर फैक्ट्री के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद वापस भोपाल लौट रहे थे।

पायलट की लापरवाही आई सामने

पुलिस ने बताया कि यह विमान 'जेट सर्विस एवियशन प्राइवेट लिमिटेड' का प्राइवेट जेट था, जो पिछली शाम 3 बजे भोपाल से फर्रुखाबाद पहुंचा था। उड़ान भरते समय पायलट विमान पर नियंत्रण खो बैठा और विमान रनवे से फिसलकर नजदीकी झाड़ियों में जा फंसा। संयोग अच्छा रहा कि किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन हादसे ने सभी यात्रियों की जान हलक में ला दी।हादसे के तुरंत बाद मौके पर प्रशासनिक हलचल तेज हो गई। कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला, एसडीएम सदर रजनीकांत पांडेय, सीओ अजय वर्मा, फायर ब्रिगेड अधिकारी आशीष वर्मा और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच में सामने आया कि विमान के पहियों में हवा की कमी थी और पायलट को इसकी जानकारी पहले से थी, इसके बावजूद उसने उड़ान भरने का निर्णय लिया। डीएमडी अजय अरोड़ा ने इसे पायलट की लापरवाही बताया और कहा कि अब वे भोपाल वापसी के लिए आगरा से फ्लाइट लेंगे।

प्रशासन ने शुरू की मामले की जांच

फायर ब्रिगेड ने भी अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि विमान की लैंडिंग और टेकऑफ की जानकारी उन्हें बहुत देर से दी गई। उन्हें 12 घंटे पूर्व सूचना मिलनी चाहिए थी, जबकि केवल 30 मिनट पहले सूचित किया गया, जिससे आवश्यक तैयारियां नहीं हो सकीं। साथ ही ट्रेजरी फीस भी जमा नहीं की गई थी, जो कि नियमों के तहत अनिवार्य है। प्रशासन द्वारा अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं। इस घटना ने एक बार फिर छोटे एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।

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