जमानत के लिए लगा दिए फर्जी दस्तावेज, पुलिस ने जांच कर खोली पोल

खबर सार :-
जहरखुरानी के एक मामले में एक आरोपी को ज़मानत दिलाने के लिए बहुत बड़ा फ्रॉड किया गया। इस फ्रॉड का पता तब चला जब उस गांव वाले के डॉक्यूमेंट्स को वेरिफ़ाई किया गया जिसके डॉक्यूमेंट्स से ज़मानत मिली थी।

जमानत के लिए लगा दिए फर्जी दस्तावेज, पुलिस ने जांच कर खोली पोल
खबर विस्तार : -

बांदाः बांदा जिला जेल में बंद एक कैदी ने हैरान करने वाला कदम उठाया है। उसने जाली डॉक्यूमेंट्स जमा करके बेल लेने की कोशिश की। बता दें कि ज़हर देने के एक मामले में आरोपी को बेल दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई थी। इस धोखाधड़ी का पता उस गांव के व्यक्ति से वेरिफिकेशन करने पर चला, जिसके नकली डॉक्यूमेंट्स बेल के लिए जमा किए गए थे।

एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस ने कहा- पुलिस कर रही जांच

यह केस, जिसका टाइटल "सरकार बनाम चंदू सोनी" और अन्य है, चौथे एडिशनल सेशंस जज/स्पेशल जज (NDPS एक्ट) के सामने पेंडिंग है। आरोपी प्रवीण अवस्थी है, जो छत्तीसगढ़ के अंबिका थाना इलाके के सितला का रहने वाला है। उसकी बेल एप्लीकेशन वेरिफिकेशन के लिए तिंदवारी थाने भेजी गई थी। जब पुलिस ने डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के लिए इलाके के धौसन गांव के रहने वाले ज़मानतदार श्रीराम सिंह से संपर्क किया, तो वह हैरान रह गया। उसने मामले की जानकारी न होने का दावा किया और पूरे मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। 

इस बारे में एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस शिवराज ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है। नकली आधार कार्ड और सिग्नेचर किसने बनाए, इसका पता लगाने के लिए जांच चल रही है। आरोपी, जो अभी जेल में है, उससे पूछताछ की जाएगी। जल्द ही सच सामने आ जाएगा। धोखाधड़ी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सिग्नेचर, आधार कार्ड और फोटो सब नकली 

जांच में पता चला कि जमानतदार के सिग्नेचर, आधार कार्ड और फोटो सब नकली हैं। श्रीराम सिंह ने कहा कि उनके नाम पर बैंकिंग, कोर्ट या किसी भी दूसरी सरकारी प्रक्रिया में इस तरह की धोखाधड़ी की जा सकती है। उन्होंने मांग की कि पुलिस इस गंभीर अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। पुलिस ने उन्हें भरोसा दिलाया कि नकली डॉक्यूमेंट बनाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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