Electric Two Wheeler Licensing Rules : देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का चलन भी तेज़ी से बढ़ रहा है। महानगरों के साथ-साथ अब ग्रामीण इलाकों में भी ई-स्कूटी और ई-बाइक आम उपयोग में आ चुकी हैं। कम खर्च, कम रखरखाव और पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण लोग तेजी से इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि, इन्हीं वाहनों को लेकर आम जनता के बीच एक बड़ी गलतफहमी भी फैल चुकी है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन चलाने के लिए न तो ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है और न ही वाहन का पंजीयन कराया जाना आवश्यक है।
कई मामलों में इलेक्ट्रिक वाहन डीलर बिक्री के दौरान ग्राहकों को यह कहकर गुमराह कर देते हैं कि ई-स्कूटी खरीदने के बाद किसी तरह की कानूनी औपचारिकता नहीं करनी होगी। यही कारण है कि स्कूली छात्र-छात्राएं, महिलाएं और बुजुर्ग बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस और पंजीयन के ही इन वाहनों को सड़कों पर चला रहे हैं। जानकारी के अभाव में यह स्थिति अनजाने में नियमों के उल्लंघन को जन्म दे रही है।
परिवहन विभाग द्वारा जारी नियमों के अनुसार, सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन से मुक्त नहीं होते। यह छूट केवल उन्हीं वाहनों पर लागू होती है जिनकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होती और जिनका वजन बैटरी को छोड़कर 60 किलोग्राम से कम होता है। यदि कोई इलेक्ट्रिक स्कूटी या बाइक इन तय मानकों से अधिक क्षमता रखती है, तो उसे सामान्य मोटर वाहन की श्रेणी में माना जाता है।
ऐसे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन जिनकी गति 25 किमी प्रति घंटा से अधिक है या जिनका वजन निर्धारित सीमा से ज्यादा है, उनके लिए वाहन पंजीयन और चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। इन नियमों का पालन न करने पर चालान के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए झांसी के संभागीय परिवहन अधिकारी श्री अरविंद त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त मानकों को पूरा न करने वाले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस चलाना कानूनन अपराध है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वाहन खरीदने से पहले उसकी तकनीकी विशेषताओं की स्वयं जांच करें और केवल डीलर की बातों पर निर्भर न रहें। परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते उपयोग के साथ नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। थोड़ी सी सावधानी और नियमों की समझ न केवल चालान से बचा सकती है, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी मजबूत कर सकती है।
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