कथावाचक संध्या शास्त्री ने सुनाया महाभारत का एक महत्वपूर्ण प्रसंग

खबर सार :-
मोहनपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचिका संध्या शास्त्री ने द्रोपदी चीरहरण प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावुक कर दिया। कथा के दौरान भगवान कृष्ण द्वारा द्रौपदी की लाज बचाने का दृश्य सुन श्रोताओं की आंखें नम हो गईं। आयोजन का नेतृत्व सुरेश सिंह यादव कर रहे हैं।

कथावाचक संध्या शास्त्री ने सुनाया महाभारत का एक महत्वपूर्ण प्रसंग
खबर विस्तार : -

शाहजहांपुरः थाना बंडा क्षेत्र के ग्राम मोहनपुर स्थित नौधा बाबा स्थल पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन की संध्या विशेष तौर पर यादगार बन गई। भावनाओं से ओतप्रोत वातावरण में जब बदायूं से आईं प्रसिद्ध कथावाचिका संध्या शास्त्री ने महाभारत के द्रोपदी चीरहरण प्रसंग का अपनी विशिष्ट शैली में वर्णन किया तो सैकड़ों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं में भावुकता के भाव दिखने लगे। 
कथावाचिका संध्या शास्त्री ने बताया कि महाभारत काल में जब पांडव जुए की बिसात पर अपना सर्वस्व हार चुके थे, तब युधिष्ठिर ने अपनी धर्मपत्नी द्रौपदी तक को दांव पर लगा दिया। शकुनि की चालाकी से द्रौपदी को हारने के बाद दुशासन उसे केश पकड़कर सभा में घसीट लाया। उस सभा में भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और विदुर जैसे महान आचार्य मौजूद थे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा, सभी मौन साधे बैठे रहे।

कथा के चरम पर जब द्रौपदी की साड़ी खींचने की कोशिश हुई और वह असहाय हो गई, तब उसने अपने इष्ट भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण किया। संध्या शास्त्री ने जैसे ही द्रौपदी के मुख से निकले शब्द ’हरि, हरि, अभमय कृष्ण, अभमय!’ को अपने स्वर में दोहराया, पंडाल में एक अजीब-सी शांति और गूंज एक साथ फैल गई। कथावाचिका ने भावभरे स्वर में कहा, जिस क्षण भक्त पूरी तरह समर्पण करता है, उसी क्षण भगवान प्रकट होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने उसी समय द्रौपदी की लाज बचाकर धर्म की रक्षा की।

इस मार्मिक प्रसंग के दौरान कई श्रोताओं की आंखें नम हो गईं। कथा स्थल पर भक्ति और भावनाओं का सैलाब देखने को मिला।

इस आयोजन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) के उत्तर प्रदेश प्रभारी और जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह यादव कर रहे हैं, जो वर्ष 2026 में बंडा द्वितीय सीट से संभावित प्रत्याशी भी हैं। श्रीमद्भागवत कथा का यह आयोजन धार्मिक चेतना के साथ-साथ सामाजिक एकता का संदेश भी दे रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का सहयोग और श्रद्धा आयोजन को विशेष बना रहा है।
 

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