मंडल आयुक्त ने की समीक्षा बैठक, स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए निर्देश

खबर सार :-
मंडलीय समीक्षा के दौरान, संभागीय आयुक्त विमल कुमार दुबे ने निर्देश दिए कि अपर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने निर्धारित क्षेत्रों का भ्रमण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इन भ्रमणों के दौरान, राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक प्रमाणन में कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाए।

मंडल आयुक्त ने की समीक्षा बैठक, स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए निर्देश
खबर विस्तार : -

झांसीः संभागीय आयुक्त विमल कुमार दुबे ने आयुक्त कार्यालय सभागार में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की संभागीय समीक्षा की। संभागीय आयुक्त ने जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों के निःशुल्क उपचार हेतु अभियान चलाने के निर्देश दिए।

 बेहतर चिकित्सा सेवा देने की अपील

उन्होंने यह भी कहा कि कूपन वाले मरीजों को निजी केंद्रों पर भी निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने तीनों जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति संवेदनशील होने के निर्देश देते हुए, नवाचार करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आम जनता को बेहतर चिकित्सा सेवा मिले। 

उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जन्मजात विकृतियों, जैसे कटे होंठ, वाले बच्चों की पहचान हेतु शिक्षा विभाग और आंगनबाड़ियों के साथ मिलकर अभियान चलाने के भी निर्देश दिए, ताकि उन्हें निःशुल्क उपचार मिल सके। संभागीय आयुक्त ने तीनों जिलों में टीबी रोगियों के लिए पोषण किट वितरण अभियान में अच्छी प्रगति की सराहना की और प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं का अधिकतम उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कई चिकित्सा अधिकारी रहे मौजूद

इस बैठक में अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. सुमन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी झांसी डॉ. सुधाकर पांडेय, सीएमओ जालौन डॉ. देवेंद्र बटोहिया, सीएमओ ललितपुर डॉ. इम्तियाज अहमद, जिला चिकित्सालय के मंडलीय चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीके कटियार, जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजनारायण आदि उपस्थित थे। बैठक का संचालन मंडलीय परियोजना प्रबंधक सिफ्सा आनंद चौबे ने किया।

 स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और अधिक पारदर्शी एवं रोगी-केंद्रित बनाने के लिए, लाभार्थियों को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित फीडबैक प्रणाली के माध्यम से अपने सेवा अनुभवों को डिजिटल रूप से साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें सुपोषित श्रेणी में लाया जाए। जालौन एवं रामपुरा में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की निरंतर निगरानी कर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जाए।

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