अभिलेखों में दर्ज सरकारी भूमि पर कब्जा, टीम ने हटवाया

खबर सार :-
शहर में सरकारी भूमि पर कब्जा जारी है। तमाम प्रयासों के बाद भी कुछ लोग नजूल की जमीन पर प्लाटिंग कर रहे हैं। जो लोग इस काम में लगे हैं, प्रशासन ने कब्जा हटाने के लिए निर्देश भी दिए हैं। इस बार लोगों की शिकायत पर नगर निगम की संयुक्त टीम ने शासकीय भूमि अतिक्रमण हटवा दिया।

अभिलेखों में दर्ज सरकारी भूमि पर कब्जा, टीम ने हटवाया
खबर विस्तार : -

लखनऊ, मंडलायुक्त एवं नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देशन में शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह द्वारा  गठित टीम ने किया। कार्यवाही ग्राम हरिहरपुर, तहसील सरोजनी नगर, जनपद लखनऊ में स्थित शासकीय भूमि पर किया गया था। वह नगर निगम की संपत्ति के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। यह भूमि ग्राम की गाटा संख्या 209 (0.159 हे.), 319 (0.114 हे.) एवं 869 (0.291 हे.) के अंतर्गत दर्ज कुल भूमि 0.564 हेक्टेयर है।

यह राजस्व रिकॉर्ड में ऊसर एवं खाद के गड्ढे के रूप में दर्ज है। कुछ स्थानीय व्यक्तियों और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा इस बहुमूल्य शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही थी। नगर निगम और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर मशीन की मदद से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर कराया। इस कार्रवाई में 0.218 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया, जिसकी बाजारू कीमत लगभग ₹1.75 करोड़ आंकी गई है।

इस कार्रवाई का नेतृत्व नगर निगम के नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार ने किया। प्रभारी अधिकारी (संपत्ति) संजय यादव द्वारा उपलब्ध कराई गई टीम में नगर निगम के लेखपाल अजीत तिवारी, अनूप गुप्ता तथा राजस्व लेखपाल दिनेश उपस्थित रहे। वहीं सुरक्षा व्यवस्था हेतु थाना सुशांत गोल्फ सिटी द्वारा मुहैया कराए गए पुलिस बल व पीएसी फोर्स भी मौके पर मौजूद रही। कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध का प्रयास किया, किंतु प्रशासन के संयमित रवैये के चलते पूरे अभियान को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

नगर निगम द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे और यह अभियान भविष्य में भी लगातार जारी रहेगा। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि शहर की सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से न केवल बहुमूल्य सरकारी भूमि को बचाया गया, बल्कि यह भी संदेश गया कि नगर निगम और जिला प्रशासन मिलकर लखनऊ को व्यवस्थित, कानूनी और स्वच्छ बनाए रखने हेतु लगातार प्रयासरत हैं।
 

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