Vande Mataram 150 Years: वंदे मातरम् के 150वीं वर्षगांठ पर CM योगी ने कहा- यह आजादी का अमर मंत्र है...

खबर सार :-
Vande Mataram 150 Years: 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राष्ट्र की सामूहिक चेतना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह गीत कर्तव्य की अभिव्यक्ति है और राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की प्रगति को इन्हीं कर्तव्यों के निर्वहन का परिणाम बताया।

Vande Mataram 150 Years: वंदे मातरम् के 150वीं वर्षगांठ पर CM योगी ने कहा- यह आजादी का अमर मंत्र है...
खबर विस्तार : -

Vande Mataram 150 Years: राष्ट्रीय गीत मातरम् के आज यानी शुक्रवार को 150 साल पूरे हो गए हैं। राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि वंदे मातरम् भारत की स्वतंत्रता का अमर मंत्र बन गया है। उस काल में विदेशी शासन द्वारा अनेक अत्याचार सहने के बावजूद, स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों ने गांव-गांव में प्रभात फेरी में भाग लेकर इस गीत के माध्यम से लोगों को जागृत किया।

Vande Mataram 150 Years: आजादी का अमर मंत्र है वंदे मातरम् 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1875 में रचित यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन को आगे बढ़ाने में सहायक रहा। यह किसी वर्ग विशेष का महिमामंडन नहीं करता। वंदे मातरम् सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का मंत्र बन गया। 1905 में जब बंगाल विभाजन के रूप में भारत के विखंडन का प्रयास किया गया, तब क्रांतिकारियों के मुख से केवल वंदे मातरम् ही निकला। वंदे मातरम् सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोने का मंत्र बन गया। यह गीत केवल एक गीत नहीं है, बल्कि इसने भारत को एक नई दिशा देने, राष्ट्र की सामूहिक चेतना को आगे बढ़ाने और राष्ट्रवाद की भावना जगाने में मदद की है। वंदे मातरम् हम सभी को अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध बनाता है।

सीएम ने बंकिम चंद्र चटर्जी को दी श्रद्धांजलि 

बंकिम चंद्र चटर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वंदे मातरम् क्रांतिकारियों की शक्ति थी। वंदे मातरम् एक सशक्त नारा है। वंदे मातरम् हमारा गौरव है, हमारे राष्ट्र की पहचान है। इस गीत ने भारत को एक सूत्र में पिरोया है। सभागार में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में वंदे मातरम् गाया। इस अवसर पर मुख्य सचिव एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे।

वंदे मातरम् की रचना की कहानी

बता दें कि बंकिम चंद्र चटर्जी (Bankim Chandra Chatterjee) ने 1875 में अक्षय नवमी के दिन वंदे मातरम् (Vande Mataram 150 Years) की रचना की थी, जो बाद में उनके उपन्यास "आनंदमठ" का हिस्सा बना। शक्ति, समृद्धि और दिव्यता के प्रतीक के रूप में मातृभूमि को समर्पित यह गीत भारत की जागृत राष्ट्रीय चेतना और स्वाभिमान का शाश्वत प्रतीक बन गया है। 

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