चंदौली में ग्राम पंचायत अधिकारियों का काली पट्टी बांधकर विरोध, आंदोलन की चेतावनी

खबर सार :-
ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति ने सोमवार को अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर राज्य के व्यापारियों के आंदोलन का समर्थन किया। यह विरोध प्रशासन के लिए स्पष्ट संकेत है कि कर्मचारियों की समस्याएँ अब उपेक्षित नहीं की जा सकतीं और तत्काल समाधान की आवश्यकता है।

चंदौली में ग्राम पंचायत अधिकारियों का काली पट्टी बांधकर विरोध, आंदोलन की चेतावनी
खबर विस्तार : -

चंदौली : जनपद में ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति ने सोमवार को अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का समर्थन किया तथा काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान अधिकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार के निर्देशों और कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई।

सचिवों में भारी रोष

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि शासन द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों को बिना किसी अतिरिक्त संसाधन के अपने निजी मोबाइल फोन और सिम का उपयोग कर फेशियल रिकॉग्निशन आधारित उपस्थिति प्रणाली अपनाने का निर्देश दिया गया है। सचिवों का कहना है कि यह व्यवस्था उनके क्षेत्रीय कार्यों की प्रकृति के विपरीत है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या, लगातार फील्ड में रहने की बाध्यता और निजी उपकरणों के उपयोग का दबाव उनके लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न कर रहा है। इससे प्रदेशभर के सचिवों में रोष, तनाव और असुरक्षा की स्थिति पैदा हो गई है।

लगातार बढ़ रहे कार्यभार से बढ़ रहा मानसिक दबाव

अधिकारियों ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिव पहले से ही अत्यधिक कार्यभार की समस्या से जूझ रहे हैं। उनके अनुसार, मूल जिम्मेदारियों के साथ-साथ उन्हें कई गैर-विभागीय कार्यों का भी बोझ उठाना पड़ रहा है—जैसे कि किसान पंजीकरण (Farmer Registry), एग्रो स्टैक सर्वे, गौशाला प्रबंधन, आयुष्मान कार्ड बनवाना, फैमिली आईडी तैयार करना, विभिन्न पेंशनों का सत्यापन, शिक्षा विभाग का ऑपरेशन कायाकल्प, बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी, गोवंश हेतु भूसा प्रबंधन, पराली प्रबंधन और सोलर पैनल लक्ष्यों की पूर्ति आदि। लगातार बढ़ते कार्यभार के कारण सचिव शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं, और कई स्थानों पर कर्मचारियों के अस्वस्थ होने व दुर्घटनाओं के मामले भी सामने आए हैं।

आंदोलन की दी चेतावनी

समन्वय समिति के केंद्रीय नेतृत्व ने सचिवों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से संचालित करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने साफ चेतावनी दी कि यदि शासन और प्रशासन उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करता, तो वे पूर्ण कार्य बहिष्कार और अनवरत धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी संभावित अव्यवस्था या बाधा की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

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