बहु प्रतीक्षित डिफेंस कॉरिडोर अब ले रहा है आकार, कई कंपनियां शुरू करेगी अपना कार्य

खबर सार :-
बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर परियोजना को गति मिली है। झांसी के ऐरच क्षेत्र में भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड सहित 10 रक्षा कंपनियों को जमीन आवंटित की गई है। फरवरी 2026 में BDL यूनिट के लोकार्पण की संभावना है। यह कॉरिडोर 1000 हेक्टेयर में विकसित होकर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई दिशा देगा।

बहु प्रतीक्षित डिफेंस कॉरिडोर अब ले रहा है आकार, कई कंपनियां शुरू करेगी अपना कार्य
खबर विस्तार : -

झांसीः चार साल पहले बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास के लिए जिस डिफेंस कॉरिडोर की कल्पना की गई थी, अब वह धरातल पर दिखाई देने लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा झांसी के ऐरच क्षेत्र में विकसित किए जा रहे इस महत्वाकांक्षी रक्षा कॉरिडोर में अब निर्माण कार्य की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड (ठक्स्)  सहित कुल 10 बड़ी रक्षा कंपनियों  को यहां जमीन आवंटित कर दी गई है। इनमें WB इलेक्ट्रॉनिक्स, विजयंत त्रिशूल डिफेंस सॉल्यूशंस, लॉरेंसको डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड, स्वर्ण इंफ्राटेल, ग्लोबल टेक्नोक्रेट्स लिमिटेड, टफ इंजीनियरिंग, जोमा सॉल्यूशंस, औरमुरारी इंजीनियरिंग जैसी कंपनियां शामिल हैं।

भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड  झांसी इकाई में गोला-बारूद और मिसाइल निर्माण का कार्य करेगी। कंपनी की बिल्डिंग लगभग तैयार है और फरवरी 2026 में इसके लोकार्पण की संभावना जताई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आमंत्रित करने के लिए अनुरोध भेजा गया है।

WB इलेक्ट्रॉनिक्स  को 10 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है, जो भारतीय सेना के लिए आधुनिक ड्रोन तैयार करेगी। वहीं विजयंत त्रिशूल डिफेंस सॉल्यूशंस  ने 20 हेक्टेयर जमीन पर छोटे हथियारों के उत्पादन की तैयारी शुरू कर दी है। दोनों कंपनियां जल्द ही अपने सिविल निर्माण कार्य की शुरुआत करेंगी।

सहायक अभियंता अजय कुमार अहिरवार के अनुसार, भारत डायनॉमिक्स के अलावा 9 अन्य कंपनियों को भूमि आवंटित की जा चुकी है। इनमें से कुछ कंपनियां बिल्डिंग निर्माण के चरण में हैं, जबकि अन्य के साथ वार्ता अंतिम दौर में है। 2018 में घोषित यह डिफेंस कॉरिडोर करीब 1000 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि बुंदेलखंड को रक्षा उद्योग का प्रमुख केंद्र बनाया जाए, जिससे न केवल क्षेत्रीय रोजगार सृजन हो बल्कि भारत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके।

कॉरिडोर के विकसित होने से झांसी, चित्रकूट, और जालौन जैसे क्षेत्रों मेंरोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी निवेश के नए अवसर खुलेंगे। यह परियोजना मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को गति देने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
 

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