बुलंदशहर । बुलंदशहर की स्याना हिंसा मामले में 7 साल बाद कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है। इस मामले में कोर्ट ने 38 आरोपियों को दोषी ठहराया है, जिसमें से पांच को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं, बाकी 33 दोषियों को दंगा, आगजनी और जानलेवा हमला जैसी गंभीर धाराओं के तहत 7 साल की जेल हुई है।
यह मामला 3 दिसंबर 2018 का है, जब स्याना के चिंगरावठी गांव में गोवंश अवशेष मिलने की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवी भीड़ ने पुलिस चौकी को आग लगा दी थी और जमकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान तत्कालीन स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित कुमार की मौत हो गई थी।
अपर सत्र न्यायालय-12 (एडीजे-12) के जस्टिस गोपाल की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने इस फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है। दूसरी ओर, बचाव पक्ष के वकील ने भी कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
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