जलीय जीव संरक्षण के लिए गंगा प्रहरियों को दिया गया प्रशिक्षण

खबर सार :-
गंगा प्रहरियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत जलज परियोजना के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी भी दी गई। इसमें गंगा नदी में डॉल्फिन, कछुए और अन्य जलीय जीवों के संरक्षण से जुड़े प्रयासों को रेखांकित किया गया।

जलीय जीव संरक्षण के लिए गंगा प्रहरियों को दिया गया प्रशिक्षण
खबर विस्तार : -

बुलंदशहरः नरौरा में जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की जलज परियोजना के तहत गंगा प्रहरियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नरौरा एनएपीएस टाउनशिप स्थित नमामि गंगे जलीय जीव बचाव एवं पुनर्वास केंद्र में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य गंगा नदी में पाए जाने वाले जलीय जीवों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति गंगा प्रहरियों की क्षमता को सुदृढ़ करना था।

विशेषज्ञों द्वारा दी गई विस्तार से जानकारी

प्रशिक्षण के दौरान गंगा प्रहरियों को विभिन्न प्रजातियों के कछुओं से परिचित कराया गया। विशेषज्ञों द्वारा कछुओं के जीवन चक्र, उनके प्राकृतिक आवास, भोजन संबंधी आदतों और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, जलीय जीवों पर बढ़ते प्रदूषण, मानव गतिविधियों और जल की गुणवत्ता में गिरावट के प्रभावों पर भी चर्चा की गई। इस प्रकार का व्यावहारिक प्रशिक्षण गंगा प्रहरियों को जमीनी स्तर पर संरक्षण कार्यों को बेहतर ढंग से करने में सहायक सिद्ध होगा।

इसके अतिरिक्त, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे यह समझाया गया कि स्वच्छ जल ही जलीय जीवों के संरक्षण की आधारशिला है। एसटीपी के माध्यम से प्रदूषित जल को शुद्ध कर नदी में प्रवाहित करना जलीय जैव विविधता को बचाने में अहम भूमिका निभाता है।

कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

इस अवसर पर उपस्थित गंगा प्रहरी निखिल कुमार ने बताया कि गंगा प्रहरी समय-समय पर गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हैं। इनमें स्वच्छता अभियान, जनजागरूकता कार्यक्रम और वृक्षारोपण जैसे कार्य शामिल हैं, जो गंगा के विभिन्न घाटों पर किए जाते हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य आम जनमानस को गंगा संरक्षण से जोड़ना है।

कार्यक्रम में कृष्ण कुमार, लोकेश माथुर, राहुल रावल, आशू यादव, लोकेश केवट, जितेंद्र केवट, बसुधा पांडे, राधा शर्मा, प्राची करोटिया, कशिश करोटिया और ज्योति गिहार सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गंगा संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ, जो जलीय जीवों के संरक्षण के साथ-साथ गंगा की स्वच्छता और सतत विकास को बढ़ावा देता है।

अन्य प्रमुख खबरें