भारत विकास परिषद ने बुद्ध जयंती पर संगोष्ठी का किया आयोजन

खबर सार : -
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें  प्रधानाचार्य भगवती प्रसाद राजपूत ने महात्मा बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें शांति का संदेश देने वाला एवं अहिंसा का दूत बताया।

खबर विस्तार : -

बुलंदशहरः बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध की जयंती बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भारत विकास परिषद डिबाई द्वारा शाखा कोषाध्यक्ष नौरंगी लाल के आवास पर गौतम बुद्ध एवं वर्तमान परिदृश्य में उनकी शिक्षाएं विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 

संगोष्ठी का शुभारंभ प्रांतीय परिषद सदस्य गिरीश कुमार गुप्ता एवं शाखा अध्यक्ष इंजीनियर सोमवीर सिंह ने भारत माता के चित्र एवं गौतम बुद्ध की कांस्य प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उपस्थित गणमान्यों एवं शाखा सदस्य संजीव राठी, अनिल कुमार सिंह, अजय लोधी, यतेंद्र कुमार, क्षमा रानी, ​​बबीता देवी, रजनी देवी आदि सदस्यों ने महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। 

जनता इंटर कॉलेज धर्मपुर के प्रधानाचार्य भगवती प्रसाद राजपूत ने महात्मा बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें शांति का संदेश देने वाला एवं अहिंसा का दूत बताया। उन्होंने गौतम बुद्ध के संसार त्याग पर महाकवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित कविता यशोधरा की पंक्तियां उद्धृत करते हुए बुद्ध की पत्नी यशोधरा की पीड़ा को दर्शाया और कहा -

सिद्धि-हेतु स्वामी गये, यह गौरव की बात, 
पर चोरी-चोरी गये, यही बड़ा व्याघात।। 
सखि, वे मुझसे कहकर जाते......

कार्यक्रम का संचालन करते हुए पी.पी. सिंह ने कहा कि महात्मा बुद्ध के पूर्वजन्मों से जुड़ी जातक कथाएं हमें शांति, प्रेम, सत्कर्म, सद्भावना, उदारता, दया, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देती हैं, जो वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में विश्व शांति के लिए आवश्यक हैं। इस अवसर पर बालक-बालिकाओं रितिका, चेतना, काजल, केनी और केशवी ने भी अपनी कविताएं सुनाईं।

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