Brajesh Pathak vs Akhilesh Yadav : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और समाजवादी पार्टी के बीच विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पाठक के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर ब्राह्मण समाज में तीखा आक्रोश देखने को मिल रहा है। राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ ब्राह्मण समाज ने एक तरफ जगह-जगह होर्डिंग लगा कर माफी के लिए दबाव बना रहा वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के कई जिलों में उनका पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया जा रहा है।
लखनऊ के इंदिरा नगर, महानगर और पॉलिटेक्निक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ब्राह्मण समाज द्वारा लगाई गई होर्डिंग्स में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तस्वीर के नीचे माफी मांगो और अभद्र टिप्पणी बंद करो जैसे नारे लिखे गए हैं। इन होर्डिंग्स में ब्रजेश पाठक की बड़ी तस्वीर लगी है और उन्हें सम्मानजनक रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह पोस्टर भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य अच्युत पाण्डेय की भी तस्वीर देखी जा सकती है। जिससे लगता है यह होर्डिंग्स उनके समर्थकों ने ही लगाया है। होर्डिंग्स में वरिष्ठ भाजपा नेताओं की तस्वीरें भी शामिल हैं।
कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों संतोष बाजपेयी, शरद बाजपेयी और गौरव बाजपेयी ने बयान जारी कर कहा कि अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का जो नारा दिया है दरअसल वह नारा सवर्ण समाज विशेष रूप से ब्राह्मणों और क्षत्रियों के प्रति पूर्वाग्रह है। उन्होंने सपा मुखिया पर आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव ने बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दिए अपने बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बीच दरार पैदा करने की साजिश रची।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि राजनीति में किसी के माता-पिता को घसीटना शर्मनाक हरकत है। पूरा ब्राह्मण समाज इस अपमान का विरोध करता है और अखिलेश यादव से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग करता है।
मैनपुरी में अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष रमेश पाण्डेय के नेतृत्व में अखिलेश यादव का पुतला फूंक विरोध दर्ज कराया गया। अलीगढ़ और सुलतानपुर में भी महासभा से जुड़े पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतले जलाए।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध करते हुए अखिलेश यादव का पुतला दहन किया। छात्र नेता शशि मिश्रा ने इस दौरान समाजवादी पार्टी नेताओं द्वारा उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और हरिशंकर तिवारी को लेकर दिये गये बयान को अपमानजनक बताते हुए कहा कि यह पाठक की सामाजिक और राजनीतिक छवि को नीचा दिखाने का प्रयास है।
विवाद उस वक्त तब शुरू हुआ जब अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर कुछ ऐसे बयान और ट्वीट्स किए, जिनमें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की भूमिका और उनके राजनीतिक रिश्तों पर सवाल खड़े किए गए थे। ब्राह्मण समाज ने इन बयानों को न केवल अपमानजनक माना, बल्कि समुदाय की गरिमा के खिलाफ भी बताया।
ब्राह्मण संगठनों ने सपा प्रमुख से माफी मांगने को कहा है और चेतावनी दी कि अगर अखिलेश यादव ने माफी नहीं मांगी, तो वे समाजवादी पार्टी का प्रदेशव्यापी बहिष्कार करेंगे और चुनावों में विरोध दर्ज कराएंगे। यह विवाद अब सामाजिक-राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है, जिससे चुनावी राजनीति पर भी असर पड़ सकता है।
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