वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर रुदावल थाना में देशभक्ति कार्यक्रम का हुआ आयोजन

खबर सार :-
राष्ट्रगीत "वन्दे मातरम" की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज, 15 नवम्बर 2025 को रुदावल थाना परिसर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम, देशभक्ति एवं राष्ट्रीय गौरव की भावना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार के निर्देशन में ये कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर रुदावल थाना में देशभक्ति कार्यक्रम का हुआ आयोजन
खबर विस्तार : -

भरतपुरः रुदावल में 15 नवंबर 2025 को राष्ट्रगीत "वंदे मातरम्" के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रुदावल थाना परिसर में एक भव्य और भावनात्मक देशभक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्य सरकार के निर्देशानुसार देशभर के विभिन्न संस्थानों में आयोजित की जा रही राष्ट्रीय भावना को समर्पित श्रृंखला के अंतर्गत यह कार्यक्रम भी विशेष महत्व रखता था। उद्देश्य था—राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक महत्व को पुनः स्मरण कराना, राष्ट्रीय गौरव को प्रबल करना और नागरिकों व सुरक्षा बलों में देशभक्ति की भावना को और मजबूत बनाना।

सामूहिक रूप से हुआ वंदे मातरम् का गायन

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह से ही उत्साहपूर्ण माहौल में हुई। थाना परिसर को देशभक्ति के रंगों से सजाया गया था, जहां विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रेरणादायक संदेशों की झलक देखी जा सकती थी। ठीक सुबह 10:15 बजे, थाना प्रभारी नरेश शर्मा के नेतृत्व में समस्त पुलिसकर्मियों, सीएलजी सदस्यों, सुरक्षा सखियों, पुलिस जवानों तथा स्थानीय नागरिकों ने एकत्र होकर सामूहिक रूप से "वंदे मातरम्" का गायन किया। इसके तुरंत बाद सभी ने एक स्वर में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया, जिससे समूचा परिसर देशप्रेम की भावना से गूंज उठा। हर चेहरे पर गर्व की चमक और उत्साह स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

 स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख प्रेरणास्रोत

थाना प्रभारी नरेश शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए "वंदे मातरम्" के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित यह अमर गीत उस दौर में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख प्रेरणास्रोत बन गया था। उन्होंने यह भी कहा कि यह गीत केवल स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक नहीं, बल्कि आज भी भारतीय एकता, शक्ति और राष्ट्रीय चेतना का द्योतक है।

उन्होंने उपस्थित युवाओं और पुलिसकर्मियों को संदेश दिया कि राष्ट्रगीत के मूल भाव—मां भारती की वंदना—को अपने कर्तव्यों और दैनिक जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम ने सभी को यह स्मरण कराया कि देशभक्ति केवल अवसरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निरंतर निभाया जाने वाला दायित्व है।

इस अवसर ने न केवल लोगों में राष्ट्रगीत के प्रति सम्मान को पुनर्जीवित किया, बल्कि सामूहिक राष्ट्रभावना को भी सशक्त किया। कार्यक्रम का समापन देश की समृद्ध धरोहर को सलाम करते हुए किया गया।

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