बेसिक विद्यालयों के विलय के संबंध में डीएम ने मांगी जानकारी, दिए ये निर्देश

खबर सार :-
जिलाधिकारी ने बेसिक विद्यालयों के विलय के संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से और जानकारी मांगी, जिस पर उन्होंने असंतुष्टि जताई। बता दें कि सरकार ने  एक किलोमीटर के दायरे की चल रहे  बेसिक विद्यालयों के विलय के निर्देश दिए थे।

बेसिक विद्यालयों के विलय के संबंध में डीएम ने मांगी जानकारी, दिए ये निर्देश
खबर विस्तार : -

झांसीः हाल ही में, बेसिक शिक्षा विभाग ने ज़िले में स्कूलों के विलय की प्रक्रिया शुरू की। इस प्रक्रिया में 100 से ज़्यादा स्कूलों का विलय किया गया। हालाँकि, ज़िला मजिस्ट्रेट ने विलय की प्रक्रिया रोक दी है।

कई स्कूल कर रहे मंजूरी का इंतजार 

सरकारी आदेश पर, 117 स्कूलों का विलय किया गया, लेकिन एक किलोमीटर के दायरे की अनिवार्यता का सख्ती से पालन करते हुए ज़िले में 83 बेसिक शिक्षा स्कूलों का चयन किया गया। इन स्कूलों को जोड़ने की फ़ाइल अनुमोदन के लिए ज़िला मजिस्ट्रेट के पास भेजी गई थी। इस बीच, 40 से ज़्यादा स्कूलों के छात्र और शिक्षक पढ़ने-पढ़ाने के लिए दूसरे स्कूलों में चले गए।

40 से ज़्यादा स्कूल अभी भी ज़िला मजिस्ट्रेट की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं। ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद, 50 से कम छात्र संख्या वाले और एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले बेसिक शिक्षा स्कूलों की रिपोर्ट पेश की गई। इसके बाद, छात्र अनुपात, जनसंख्या और नए विलय किए गए स्कूलों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी गई। तीन बार जानकारी देने के बाद, ज़िला मजिस्ट्रेट कार्यालय ने अब ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी को बातचीत के लिए बुलाया है।

प्रक्रिया से जिलाधिकारी संतुष्ट नहीं

विलय किए गए विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात, अनुदेशक व शिक्षामित्र सहित छात्रों का अनुपात, जनसंख्या से विद्यालय की दूरी आदि की जानकारी मांगी गई थी, लेकिन जिला अधिकारी अभी भी विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं। इस पूरी प्रक्रिया से ऐसा प्रतीत होता है कि बेसिक विभाग ने मानकों का पालन किए बिना जल्दबाजी में विद्यालयों का विलय कर दिया है।

सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि विलय प्रक्रिया के दौरान कई विद्यालय एकल हो गए हैं। इन विद्यालयों के शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि उनके विद्यालयों में शिक्षकों को भेजा जाए ताकि कार्य करने व पढ़ाने में सुविधा हो। कई विद्यालय ऐसे हैं जिनमें एक ही शिक्षक व एक ही शिक्षामित्र कार्यरत हैं।

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