Azam Khan Release : क्या अब बसपा की सियासत करेंगे आजम खां? सपा बोली कहीं नहीं जा रहे आजम

खबर सार :-
Azam Khan Release : सीतापुर जेल में बंद आजम खां की रिहाई की उम्मीद के साथ ही उनके नए सियासी ठिकाने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। मायावती और ताजीन फात्मा की कथित मुलाकात ने इन अटकलों को हवा दी है। सपा से दूरी और नए राजनीतिक समीकरण बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

Azam Khan Release : क्या अब बसपा की सियासत करेंगे आजम खां? सपा बोली कहीं नहीं जा रहे आजम
खबर विस्तार : -

 Azam Khan Release : उत्तर प्रदेश की सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा इस पर एक बार फिर अटकलें तेज हो गईं हैं। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से पूर्व विधायक आजम खां की सीतापुर जेल से रिहाई की तैयारी जोरशोर से चल रही है। सवाल उठ रहा है कि क्या आज़म खां जेल की रिहाई के बाद अगला राजनीतिक पड़ाव बहुजन समाज पार्टी हो सकता है?
इस चर्चा को बल तब मिला, जब मीडिया में यह खबर आई कि आजम खां की पत्नी और पूर्व सांसद डॉ. ताजीन फात्मा ने हाल ही में दिल्ली में बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की। इस मुलाकात ने राजनीतिक विश्लेषकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आजम अब सपा से किनारा करने की सोच सकते हैं।

 Azam Khan Release :  रिश्तों में आई तल्खी की वजह क्या है?

सपा और आजम खां के बीच दूरी महज अनुमान नहीं है। ऐसी अटकले हैं कि  लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी। आजम खां ने अखिलेश यादव से रामपुर से खुद चुनाव लड़ने या उनकी पसंदीदा प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की थी। लेकिन अखिलेश ने न केवल इन सिफारिशों को ठुकराया, बल्कि मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को टिकट दे दिया। इसके बाद रामपुर के कई सपा नेताओं ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया, जिससे यह दरार और गहरी हो गई।

 Azam Khan Release और नए समीकरण

18 सितंबर को हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद आजम खां की रिहाई की संभावनाएं तेज हो गई हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि आजम खां किसी नए मंच की तलाश में हैं। मायावती और ताजीन फात्मा की कथित मुलाकात को इसी संदर्भ में देखा भी जा रहा है। हालांकि, आजम खां के करीबी इन मुलाकातों की खबर को महज अफवाह बताते हैं और दावा करते हैं कि ताजीन फात्मा कई महीनों से दिल्ली गई ही नहीं हैं।

 Azam Khan Release :  दलित-मुस्लिम गठजोड़ की संभावनाएं

कुछ महीने पहले आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात की थी। तभी से इस मुलाकात को दलित-मुस्लिम गठजोड़ के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसे में आजम खां का अगला सियासी कदम यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।

 Azam Khan Release :  कहीं नहीं जाएंगे आज़म खांः सपा नेताओं का दावा

हालांकि, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अब भी मानते हैं कि आजम खां कहीं नहीं जाएंगे। उनका कहना है कि सपा ही उनके राजनीतिक तेवर और सोच के अनुकूल है। वहीं, पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि आजम सपा के संस्थापक सदस्यों में से हैं और उनका किसी और दल में जाना असंभव है।

 Azam Khan Release : मुकदमों का लंबा सिलसिला

सीतापुर जेल में बंद आजम खां के खिलाफ कुल 96 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 12 मामलों का फैसला हो चुका है। इनमें पांच में उन्हें सज़ा सुनाई गई, जबकि सात में बरी किया गया। अभी भी 78 से अधिक मुकदमे अदालतों में लंबित हैं। खासकर दो जन्म प्रमाण पत्र मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया था, जिसके चलते वह अक्टूबर 2023 से जेल में हैं। उनके साथ उनकी पत्नी और बेटा भी कुछ समय के लिए जेल गए थे।
 

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