अयोध्याः विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति अयोध्या के तत्वावधान में आज 21वें दिन बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर विद्युत संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर संघर्ष समिति के संयोजक रघुवंश मिश्रा के नेतृत्व में अपना संकल्प दोहराया। जब तक मांग पूरी नहीं होती और दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई नहीं होती संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा। क्योंकि संघर्ष समिति बार-बार मांग कर रही है कि अनुभवी और निर्दोष संविदा कर्मचारियों को काम से हटाने का क्या औचित्य है। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है वहीं दूसरी तरफ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या में विद्युत प्रशासन में भ्रष्टाचार पनप रहा है और जांच के नाम पर मुख्य अभियंता से लेकर चेयरमैन उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लखनऊ तक चुप्पी साधे हुए हैं।
जिससे साफ है कि विद्युत विभाग में नीचे से लेकर ऊपर तक बहुत बड़े पैमाने पर संविदा कर्मचारियों की छंटनी में घोटाले का खेल खेला जा रहा है। इसकी मंशा साफ है कि बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छटनी कर पावर कॉर्पोरेशन को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की तैयारी है। जिससे बिजली कर्मचारियों, आम लोगों, किसानों को भी निजीकरण का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। और कहीं न कहीं प्रदेश की जनता लाल टेन युग में जा सकती है। एक तरफ सरकार अयोध्या के विकास और उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए खर्च कर रही है, फिर भी हालात यह है कि अयोध्या के मुख्य चौक घंटाघर में हर 10 मिनट में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। ऐसे में इस उमस भरी गर्मी में कर्मचारियों की भारी कमी के चलते बिजली आपूर्ति दम तोड़ रही है और उपभोक्ता मदद के लिए कराह रहे हैं।
अभी भी उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता कर्मचारियों की कमी पर उच्चाधिकारियों से खुलकर बात करने को तैयार नहीं है। क्योंकि संविदा कर्मियों के घोटाले में चंद अवर अभियंताओं को छोड़कर अधिकांश अवर अभियंता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जिसका नतीजा यह है कि अल्प वेतन पाने वाले कर्मचारियों से लेकर उपभोक्ता तक सभी बिजली प्रशासन अयोध्या के रवैये से परेशान हैं। संघर्ष समिति के संयोजक ने अपने संबोधन में कहा कि आप सबकी चट्टानी एकता को देखते हुए मुख्य अभियंता अयोध्या क्षेत्र अयोध्या आपकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए तैयार है। अब देखना यह है कि मुख्य अभियंता बड़े पैमाने पर हुई छंटनी की जांच कराकर निर्दोष बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करते हैं या फिर मामले को रफा-दफा कर दोषियों को बचाते हैं, यह तो भविष्य ही तय करेगा। बैठक की अध्यक्षता रघुवंश मिश्रा व संचालन सत्येंद्र पांडेय खंडिया अध्यक्ष रुदौली ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए नाथ तिवारी ने कहा कि इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर बिना आईटीआई के अकुशल लोगों को कुशल बनाकर पावर कॉर्पोरेशन को चूना लगाया जा रहा है। धरना आंदोलन को संबोधित करते हुए अध्यक्ष विद्युत मजदूर पंचायत अयोध्या जय गोविंद उर्फ बबलू सिंह ने कहा कि जब तक एक-एक संविदा कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल जाता, हम यहां से हिलने वाले नहीं हैं। मुख्य अभियंता की तानाशाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संघर्ष अंत तक होगा। विरोध आंदोलन में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारी मौजूद रहे, जिनमें सुशील मौर्य, ज्ञानेंद्र यादव, संदीप तिवारी, अंकित सिंह, एसपी शुक्ला, मोहन, प्रदीप यादव, विजय कुमार, नंद कुमार के साथ ही बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी भी शामिल रहे।
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