हरिमंदिर साहिब में नहीं लगाया था एयर डिफेंस सिस्टम ! सेना के दावे पर SGPC का इनकार

खबर सार :-
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि दरबार साहिब की बाहरी तथा ऊपरी लाइटों को तय समय पर बंद किया गया। दरबार साहिब की मर्यादा के अनुसार लाइटों को चलाया गया।

खबर विस्तार : -

Operation Sindoor: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भारतीय सेना के उस बयान को सिरे से खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि भारत-पाक तनाव के बीच हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) में एयर डिफेंस गन लगाई गई थी। सचखंड हरिमंदिर साहिब के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह ने सेना के बयान को पूरी तरह से हैरान करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि अमृतसर जिला प्रशासन की तरफ से शहर में ब्लैक आउट के दौरान जारी किए गए निर्देशों के दौरान दरबार साहिब प्रबंधन ने पूरा सहयोग किया है।

मर्यादा का पूरी तरह से किया पालन 

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि दरबार साहिब की बाहरी तथा ऊपरी लाइटों को तय समय पर बंद किया गया। दरबार साहिब की मर्यादा के अनुसार लाइटों को चलाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल का यह दावा गलत है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुख्य ग्रंथी की तरफ से सेना को सचखंड हरिमंदिर साहिब में अपनी एयर डिफेंस गन लगाने की स्वीकृति दी गई थी। दरबार साहिब प्रबंधन की तरफ से ऐसी कोई स्वीकृति नहीं दी गई और न ही ऐसा कोई घटनाक्रम हुआ है।

हरजिंदर सिंह धामी ने दावे को किया खारिज

उन्होंने कहा कि दरबार साहिब समूह, लंगर हाल, अखंड पाठ वाले स्थान तथा अन्य संबंधित गुरू स्थानों पर रोजाना चलने वाली मर्यादा जरूरी होती है, जिसमें किसी को भी बिघ्न डालने का अधिकार नहीं है। भारत-पाक तनाव के दौरान भी मर्यादा का पूरी तरह से पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट के समय किसी भी गुरू स्थान पर लाइटें बंद नहीं की गई। इस बीच एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि ब्लैकआउट के समय जिला प्रशासन की सभी हिदायतों का पालन किया गया है। सेना की तरफ से एयर डिफेंस गन के संबंध में न तो किसी ने संपर्क किया और न ही यहां ऐसी कोई गन लगाई गई।

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