मन की चंचल वृत्तियों का संयम ही योग : प्राचार्य धींगरा

खबर सार :-
योग के प्रभाव और महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य धींगरा ने कहा कि योग चित्र वृत्ति निरोध अर्थात मन की चंचल वृत्तियों का संयम ही योग है। डिग्री कॉलेज में 10 दिवसीय योग कार्यक्रम की गोष्ठी का किया गया आयोजन

मन की चंचल वृत्तियों का संयम ही योग : प्राचार्य धींगरा
खबर विस्तार : -

रामपुरः आयुष मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुर में चल रहे 10 दिवसीय योग कार्यक्रम के अंतर्गत योग संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ जागृति मदान धींगरा ने किया। 
योग के प्रभाव और महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य धींगरा ने कहा कि योग चित्र वृत्ति निरोध अर्थात मन की चंचल वृत्तियों का संयम ही योग है। उन्होंने कहा कि योग मनुष्य के अस्थिर मन को एकाग्र करने में सहायक होता है। 

शारीरिक शिक्षा विभाग प्रभारी डॉ मुजाहिद अली ने कहा कि योग को किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़कर देखा जाना चाहिए। योग सर्वधर्म समभाव की सीख देता है। उन्होंने कहा कि योग को अपने दैनिक जीवन का नियमित हिस्सा बनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ सैयद अब्दुल वाहिद शाह ने कहा कि योग नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा संचित करने का माध्यम है। इस अवसर पर डॉ सोमेंद्र सिंह, डॉ लोकेश कुमार, डॉ नितिन कुमार त्यागी एवं अन्य प्राध्यापको सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
 

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