यूएन में महिलाओं के मुद्दे पर पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिलाई बांग्लादेश में ‘सामूहिक बलात्कार और नरसंहार’ की याद

खबर सार :-
संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान ने फिर कश्मीर मुद्दा उठाया, जिस पर भारत ने उसे करारा जवाब दिया है। भारत ने 1971 में बांग्लादेश में पाकिस्तान द्वारा किए गए नरसंहार और सामूहिक बलात्कार की याद दिलाई। भारत ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार और महिलाओं के अधिकारों को लेकर उसके पाखंड को उजागर किया।

यूएन में महिलाओं के मुद्दे पर पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिलाई बांग्लादेश में ‘सामूहिक बलात्कार और नरसंहार’ की याद
खबर विस्तार : -

India vs Pakistan:  पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच इन दिनों नजदीकियां बढ़ती नजर आ रही हैं। इसके साथ ही बांग्लादेश में आईएसआई मॉड्यूल भी सक्रिय होता नजर आ रहा है। वहीं यूएन में महिला, शांति और सुरक्षा को लेकर चर्चा हो रही थी। इस दौरान भारत ने बांग्लादेश समेत दुनिया के तमाम देशों के सामने पाकिस्तान का मुखौटा उतार कर रख दिया।

पाकिस्तान की करतूतें दिलाई याद

भारत ने दुनिया को बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बांग्लादेश में महिलाओं के नरसंहार और सामूहिक बलात्कार के पाकिस्तान की करतूतों की याद दिलाई। दरअसल, पाकिस्तान यूएन के सामने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का राग अलापने लगा और क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों को लेकर भ्रामक बयानबाजी शुरू कर दी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी।

भारत ने जताया कड़ा विरोध

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की पाकिस्तान की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था और अपनी ही सेना द्वारा 400,000 महिला नागरिकों के नरसंहार और सामूहिक बलात्कार के एक व्यवस्थित अभियान को मंजूरी दी थी। दुनिया पाकिस्तान के दुष्प्रचार को समझती है। जो देश अपने ही लोगों पर बमबारी करता है, नरसंहार करता है, वह केवल गुमराह करने और अतिशयोक्ति से दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है।

कश्मीर राग पाकिस्तान की पुरानी आदत

बता दें, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में लगभग हर चर्चा में कश्मीर का राग अलापता रहता है और हर बार भारत से उसे मुंह की खानी पड़ती है। वहीं महिलाओं के मुद्दे पर भारत के प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि अब सवाल यह नहीं है कि महिलाएं शांति स्थापना कर सकती हैं या नहीं; बल्कि यह है कि क्या महिलाओं के बिना शांति स्थापना संभव है। यूएन में पाकिस्तान की स्थायी मिशन काउंसलर साइमा सलीम ने कहा कि कश्मीरी महिलाओं को शांति और सुरक्षा एजेंडे से बाहर रखना इसकी वैधता को खत्म करता है। जम्मू-कश्मीर विवाद इस परिषद के एजेंडे में शामिल है, इसलिए भविष्य की रिपोर्टों में उनकी स्थिति को दर्शाया जाना चाहिए।

अन्य प्रमुख खबरें