नई दिल्ली : भारत की दिग्गज महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी ने तेज रफ्तार गेंदबाजी से विश्व पटल पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। उन्हें विश्व की सर्वश्रेष्ठ महिला गेंदबाजों में गिना जाता है। गलियों में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब दो दशक तक देश का प्रतिनिधित्व करने वालीं झूलन का सफर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। 25 नवंबर 1982 को पश्चिम बंगाल के चकदाह में जन्मीं झूलन को बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी, लेकिन मां को उनका गलियों में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था।
झूलन की धीमी गेंदों पर जब बच्चे चौके-छक्के लगाते, तो उनका जमकर मजाक उड़ता। ऐसे में झूलन ने ठान लिया कि वह एक तेज गेंदबाज बनेंगी। उन्होंने इसके लिए जमकर मेहनत करनी शुरू कर दी। साल 1997 का महिला विश्व कप भारत में खेला गया था। फाइनल मुकाबला ईडन गार्डन्स में आयोजित हुआ। पश्चिम बंगाल सरकार ने लड़कियों के स्कूल में कुछ टिकट भेजे थे, जिसकी वजह से झूलन ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल मैच देखा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट से जीत दर्ज की।
इस मुकाबले में झूलन ने उन खिलाड़ियों को खेलते देखा, जिन्हें देखकर क्रिकेटर बनने का फैसला किया था। झूलन गोस्वामी ने एमआरएफ एकेडमी से ट्रेनिंग ली। महज 15 साल की उम्र में झूलन की गेंदबाजी ने सेलेक्टर्स का ध्यान खींचा। आखिरकार, झूलन को जनवरी 2002 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला। 6 जनवरी को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए इस मुकाबले में झूलन ने 7 ओवरों में महज 15 रन देकर 2 विकेट हासिल किए। भारत ने यह मुकाबला 8 विकेट से अपने नाम किया। झूलन गोस्वामी ने करीब दो दशक भारत के लिए खेला। इस दौरान कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए।
झूलन गोस्वामी महिलाओं के एक ही टेस्ट क्रिकेट मैच में 10 विकेट हासिल करने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने 23 साल और 277 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ यह कारनामा किया था। झूलन महिला वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक गेंदें फेंकने वाली क्रिकेटर हैं। उन्होंने 204 मुकाबलों में कुल 10,005 गेंदें डालीं, जिसमें सर्वाधिक 255 विकेट हासिल किए। झूलन के अलावा, आज तक वनडे क्रिकेट में कोई अन्य महिला गेंदबाज 200 विकेट का आंकड़ा भी नहीं छू सकी है।
झूलन टेस्ट (18) के साथ वनडे (56) क्रिकेट में सर्वाधिक खिलाड़ियों को एलबीडब्ल्यू आउट करने वाली महिला गेंदबाज भी हैं। 2002 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाली झूलन ने अपनी गति, लाइन-लेंथ और निरंतरता से कई रिकॉर्ड बनाए। वे लंबे समय तक भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ रहीं और युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं।
झूलन गोस्वामी ने भारत की तरफ से 204 वनडे मुकाबलों में 22.04 की औसत के साथ 255 विकेट चटकाए, जबकि 68 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 56 विकेट निकाले। झूलन ने 12 टेस्ट मैच भी खेले, जिसमें 17.36 की औसत के साथ 44 विकेट हासिल किए। क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए झूलन गोस्वामी को साल 2010 में 'अर्जुन पुरस्कार' से नवाजा गया, जबकि साल 2012 में उन्हें 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया।
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