World Day Against Child Labour: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें मकसद और इस साल की थीम

खबर सार :-
एंटी चाइल्ड लेबर डे यानी विश्व बाल श्रम निषेध दिवस हर साल 12 जून को मनाया जाता है। एंटी चाइल्ड लेबर डे की शुरुआत वर्ष 2002 में 'अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन' (ILO) द्वारा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने और उन्हें शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।

World Day Against Child Labour: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें मकसद और इस साल की थीम
खबर विस्तार : -

World Day Against Child Labour 2025 :  एंटी चाइल्ड लेबर डे यानी विश्व बाल श्रम निषेध दिवस हर साल 12 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बाल श्रम को रोकना और उनका बचपन वापस लौटाना है। इसके अलावा इस दिवस का मकसद दुनिया भर में बच्चों से काम करवाने की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करना और इसे समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। 

World Day Against Child Labour 2025: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का इतिहास

दरअसल एंटी चाइल्ड लेबर डे की शुरुआत वर्ष 2002 में 'अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन' (ILO) द्वारा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने और उन्हें शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। बाल श्रम निषेध दिवस इन बच्चों को अंधकार से बाहर निकालने और उनके भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह दिन सरकारों, संगठनों और लोगों से बाल श्रम के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करता है। हालांकि, कई राज्यों में अभी भी स्थिति ऐसी है कि बच्चे बिना शिक्षा प्राप्त किए ही काम करने को मजबूर हैं। सरकार बाल श्रम को रोकने के लिए अपनी ओर से लगातार काम कर रही है, लेकिन अभी तक इसे खत्म नहीं किया जा सका है। 

World Day Against Child Labour 2025: किस राज्य में सबसे ज्यादा बाल श्रम 

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 की शुरुआत में करीब 160 मिलियन बच्चे बाल श्रम में लगे हुए थे। वर्तमान में इनकी संख्या घटने के बजाय बढ़ती जा रही है। दुनिया भर में करीब 10 में से 1 बच्चा बाल श्रम में लिप्त है। उनमें से करीब आधे (लगभग 79 मिलियन) बच्चे खतरनाक काम में लगे हुए हैं, जो सीधे उनके स्वास्थ्य और विकास को खतरे में डालता है। वैश्विक स्तर पर, बाल श्रम ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है। भारत की बात करें तो  2011 की जनगणना के अनुसार 5-14 आयु वर्ग के एक करोड़ से अधिक बच्चे बाल श्रम के दलदल में फंसे हुए हैं। भारत में बाल मजदूरों की सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में है। 

World Day Against Child Labour 2025: बाल मजदूरी की क्या है सजा

बता दें कि 14 साल से कम उम्र के बच्चे को कोई भी व्यक्ति काम पर रखता है, उस पर भारतीय दंड संहिता 1860, बाल श्रम अधिनियम 1986,  बंधुआ मजदूरी प्रणाली अधिनियम 1976 और किशोर न्याय अधिनियम 2000 समेत बाल श्रम के खिलाफ महत्वपूर्ण कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

World Day Against Child Labour theme: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2025 की थीम

हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2025 की थीम है, "प्रगति स्पष्ट है, लेकिन अभी और काम किया जाना बाकी है, आइए प्रयासों में तेजी लाएं!" (Progress is clear, but there’s more to do: let’s speed up efforts!) इस साल की थीम इस बात पर फोकस करती है प्रगति के ऊपर और लक्ष्य हासिल करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। इस कदम से दुनिया ने बाल श्रम को खत्म करने में कुछ प्रगति की है, लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है। अभी भी बहुत से बच्चे ऐसे काम कर रहे हैं जो उनके लिए सही नहीं है।

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