नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफे के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी संवैधानिक कुर्सी को लेकर सियासी गलियारे में अटकलें तेज हो गई हैं। जहां एक ओर सत्तारूढ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की तैयारी जोर शोर से शुरू कर चुकी है, वहीं इंडिया गठबंधन भी अपना प्रत्याशी उतारने पर सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को ही उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने का ऐलान कर दिया है, जिससे जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद है।
सियासी गलियारे में चर्चा है कि बीजेपी के भीतर यह तय माना जा रहा है कि अगला उपराष्ट्रपति उन्हीं की पार्टी के समर्थन से बनेगा। यानी उपराष्ट्रपति का वहीं दावेदार जीतेगा जिसे भाजपा समर्थन करेगी। ऐसी खबरें आ रही हैं कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सहित सभी सहयोगी दलों ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। इस बार बीजेपी एक ऐसे उम्मीदवार पर दांव लगाना चाहती है, जो पूरे पांच साल तक इस पद पर सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा कर सके। हालांकि, अभी तक किसी नाम का आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। अटकलें जरूर सुनाई देने लगी हैं। इसी अटकलबाजी में जेडीयू नेता रामनाथ ठाकुर का नाम इस दौड़ में आगे बताया जा रहा था, लेकिन ताजा रिपोर्टों के अनुसार, वे अब इस रेस से बाहर हो गए हैं।
इसके अलावा अन्य भी कई नाम सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन आधिकारिक नाम की घोषणा तो विदेश दौरे से पीएम मोदी जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही कई नामों को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। इनमें रामनाथ ठाकुर, केरल के पूर्व राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह (जो जेडीयू से हैं), और केंद्रीय कृषि मंत्री व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। हालांकि, इन नामों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के सवाल पर इंडिया गठबंधन में भी गहन मंथन चल रहा है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने स्पष्ट किया है कि गठबंधन के सभी दल मिलकर इस पर विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद ही किसी नाम पर सहमति बन पाएगी। उन्होंने कहा कि यह हम अकेले कैसे बता सकते हैं कि वाइस प्रेसिडेंट पद का कैंडिडेट कौन होगा। गठबंधन के सभी दल बैठकर बात करेंगे, विचार विमर्श करेंगे, इसके बाद ही नाम पर सहमति बनेगी। इससे स्पष्ट है कि इंडिया गठबंधन भी अपना उम्मीदवार उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है, बशर्ते उन्हें एक मजबूत और सर्वसम्मत उम्मीदवार मिल जाए।
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक चलना था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद लंबे समय तक खाली नहीं रखा जा सकता और इस्तीफा स्वीकार होने के तुरंत बाद जल्द से जल्द चुनाव करवाना अनिवार्य होता है। निर्वाचन आयोग ने इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है, जिससे यह तय है कि देश को जल्द ही अपना नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। अगले कुछ दिनों में बीजेपी और इंडिया गठबंधन दोनों की ओर से उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है, जिसके बाद उपराष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां और तेज हो जाएंगी।
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