नई दिल्लीः भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौका दिया था। इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही देश के अगले उपराष्ट्रपति को लेकर सियासी गलियारे में अटकलें तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने बुधवार को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां शुरू करने की घोषणा भी की है।
अगले उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर अंतिम फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, बुधवार से चार दिवसीय विदेश दौरे पर जा रहे हैं। ऐसे में चार दिन संसदीय बोर्ड की मीटिंग होना संभव नहीं। ऐसे में माना जा रहा है कि संसदीय बोर्ड की बैठक चार दिन बाद पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही होगी।
मीडिया में सूत्रों के हवाले से खबरें आ रहीं हैं कि सरकार का उम्मीदवार किसी ऐसे व्यक्ति को ही बनाया जाएगा जो पार्टी और गठबंधन के प्रति पूरी तरह निष्ठावान हो और पार्टी की विचारधारा से प्रभावित हो। चूंकि लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) के पास पर्याप्त संख्या बल होने से उनके उम्मीदवार का चुना जाना तय माना जा रहा है। मीडिया में आ रही खबरों पर अगर विश्वास किया जाए तो चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि जगदीप धनखड़ की जगह कोई ऐसा व्यक्ति ले जो एनडीए का लंबे समय से सदस्य रहा हो।
सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि टीडीपी (TDP) या जेडीयू (JDU) जैसे एनडीए के प्रमुख घटक दल से किसी सदस्य को चुना जा सकता है। ऐसा कदम भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक महत्वपूर्ण फेरबदल की उम्मीद है। इसके अलावा, राज्यपालों की नियुक्ति और भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आंतरिक चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ये सभी घटनाक्रम अगले उपराष्ट्रपति के चयन में भूमिका निभा सकते हैं।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेताओं के अलावा, उन भाजपा सांसदों के नामों पर भी विचार किया जा सकता है जिनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होने वाला है और जो वर्तमान में राज्य मंत्री हैं।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार को राज्यसभा में जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता के दौरान हुई कुछ घटनाएं, जो कथित तौर पर जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव से संबंधित थीं, ने उनके इस्तीफे को ट्रिगर किया। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि धनखड़ का इस्तीफा कुछ समय से लंबित था।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि उनके इस्तीफे के कई कारण हैं, जिनमें उनका स्वास्थ्य भी शामिल है, लेकिन यह केवल स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है। मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले जगदीप धनखड़ से मिलने वाले एक भाजपा सांसद ने भी पुष्टि की कि निश्चित रूप से कई कारण थे, लेकिन उनका स्वास्थ्य उनके इस्तीफे के फैसले का एक महत्वपूर्ण कारण था। अगले उपराष्ट्रपति के चयन के बाद भारतीय राजनीति में क्या नए समीकरण उभरते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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