लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश सरकार संयुक्त रूप से बिजली की खरीद करेगी। ऐसा पहली बार होगा जब दोनों सरकारें मिलकर एक हजार मेगावाट बिजली की खरीद करेंगी। बिजली खरीद का अनुबंध पांच वर्षों के लिए किया जाएगा। साल के छह-छह महीने दोनों सरकारें बिजली का उपयोग करेंगी। पहले छह माह बिजली का उपयोग मध्य प्रदेश सरकार करेगी। अगले छह माह की बिजली का उपयोग यूपी सरकार करेगी। दोनों प्रदेश जरूरत के हिसाब से बिजली का उपयोग करेंगे।
दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से बिजली का भुगतान पावर प्लांट को करेंगे। बिजली खरीद की प्रक्रिया रबी के सीजन में शुरू करने की योजना है। मध्य प्रदेश में रबी सीजन में बिजली की मांग बढ़ जाती है। इस मांग को पूरा करने के लिए ही पहले छह माह मध्य प्रदेश इस बिजली का उपयोग करेगा। वहीं, उत्तर प्रदेश में खरीफ के सीजन यानि गर्मियों में बिजली की मांग अधिक बढ़ जाती है।
ऐसे में इस समय बिजली का उपयोग यूपी सरकार करेगी। दोनों प्रदेशों में बिजली की मांग अलग-अलग समय में बढ़ जाती है। इसको लेकर ही यह निर्णय लिया गया है। बिजली खरीद के लिए दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से टेंडर निकालेंगे। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने रबी सीजन में एक हजार मेगावाट बिजली खरीदने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश में रबी सीजन में 20 हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है।
वर्तमान में बिजली कम्पनी द्वारा जो व्यवस्था बनाई गई है, उसके तहत रबी सीजन में एक हजार मेगावाट बिजली कम पड़ेगी। रबी सीजन के बाद प्रदेश के पास मांग के अनुसार बिजली की पूरी उपलब्धता रहेगी। इसके बाद अतिरिक्त बिजली का उपयोग यूपी करेगा। मध्य प्रदेश में दिसंबर 2024 में बिजली की अधिकतम मांग 18077 मेगावाट तक पहुंच गई थी। यह प्रदेश में सबसे अधिक बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड भी था। इस वर्ष प्रदेश में बुवाई का रकबा बढ़ने और कृषि पंपों में वृद्धि होने से बिजली की मांग और बढ़ना तय है।
बीते 09 जून को भीषण गर्मी और उमस के चलते प्रदेश की अधिकतत बिजली मांग 31104 मेगावाट पहुंच गई थी। इस दिन देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड भी बना। प्रदेश में छह जून से बिजली की मांग लगातार बढ़ना शुरू हो गई थी। नौ जून को 9.53 बजे बिजली की मांग 31059 मेगावाट थी और रात 11 बजे बढ़कर 31,104 मेगावाट हो गई थी। वहीं, छह जून को 28,581 मेगावाट, सात जून को 29,502 मेगावाट, आठ जून को 30,161 मेगावाट बिजली की मांग थी।
वर्ष 2024 में बिजली की अधिकतम मांग 30,618 मेगावाट तक पहुंची थी। नौ जून को ही गुजरात में 25,230 मेगावाट, महाराष्ट्र में 25,191 मेगावाट, तमिलनाडु में 17,867 मेगावाट, राजस्थान में 16,562 मेगावाट, पंजाब में 15,508 मेगावाट बिजली की अधिकतम आपूर्ति की गई थी। इस वर्ष यूपी में बिजली की अधिकतम मांग 32,000 मेगावाट पार कर जाने का अनुमान लगाया गया है। यूपी में लगातार बढ़ रही बिजली की मांग को पूरा करने में बिजली खरीद का संयुक्त अनुबंध काफी सहायक होगा।
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