RBI Repo Rate Cut : 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती, भारतीय बाजार ने किया ज़ोरदार स्वागत, सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा उछला!

खबर सार :-
RBI Repo Rate Cut : 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती, जिससे भारतीय शेयर बाजार में उछाल आया। सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा चढ़ा, जबकि निफ्टी भी हरे निशान में रहा। जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ इस बड़े फैसले पर।

RBI Repo Rate Cut : 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती, भारतीय बाजार ने किया ज़ोरदार स्वागत, सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा उछला!
खबर विस्तार : -

RBI Repo Rate Cut : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आज के बड़े फैसले ने भारतीय शेयर बाजार में नई जान फूंक दी। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों (बेसिस प्वाइंट) की बड़ी कटौती की घोषणा की, जिससे यह 6 फीसदी से घटकर 5.5 फीसदी हो गया। इसके साथ ही, नकद आरक्षित अनुपात (ब्त्त्) में भी 100 आधार अंकों की गई। इसे 4 फीसदी से 3 फीसदी कर दिया गया। आरबीआई के इस कदम के तुरंत बाद भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है।

RBI Repo Rate Cut : बाजार का उत्साहजनक प्रदर्शन

सुबह करीब 10ः46 बजे, सेंसेक्स 505.7 अंक या 0.62 फीसदी बढ़कर 81,947.74 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 168.40 अंक या 0.68 फीसदी बढ़कर 24,919.30 पर पहुँच गया। इस माहौल में, निफ्टी बैंक इंडेक्स में भी तेज़ी देखने को मिली, जो 682.95 अंक या 1.22 फीसदी बढ़कर 56,443.80 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 363.20 अंक या 0.62 फीसदी की बढ़त के साथ 58,666.20 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 48.25 अंक या 0.26 फीसदी की बढ़त के साथ 18,480.85 पर कारोबार कर रहा था।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है। इनके शेयरों ने ही बाजार के इस उछाल में अहम भूमिका निभाई। वहीं, सन फार्मा, इंफोसिस, नेस्ले इंडिया और एचसीएल टेक जैसे कुछ शेयरों में गिरावट भी देखने को मिली है।

विशेषज्ञों की रायः ऋण वृद्धि और वित्तीय स्थिति

नियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजय कुमार ने आरबीआई के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा, मौद्रिक रुख में अकोमोडेटिव से न्यूट्रल बदलाव यह भी दर्शाता है कि जब तक स्थिति की मांग न हो, दरों में अतिरिक्त कटौती की संभावना नहीं है। उम्मीद है कि इस दर कटौती से ऋण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, जो मार्जिन में गिरावट की भरपाई करेगी।

एमके ग्लोबल की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरबीआई ने सभी नीतिगत कार्रवाइयों को पहले ही लागू कर दिया है, चाहे वह अपेक्षा से अधिक दरों में कटौती हो या सीआरआर में कमी के माध्यम से स्थायी तरलता (लिक्विडिटी) प्रदान करना हो। अरोड़ा ने आगे कहा कि अब इन सबका मतलब है कि आसान वित्तीय स्थितियों को तेजी से आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब बैंकों के हाथ में है।

RBI Repo Rate Cut : बाजार की उम्मीदें और संस्थागत गतिविधियाँ

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के प्रमुख निर्णय से पहले, घरेलू बेंचमार्क सूचकांक सपाट खुले थे। शुरुआती कारोबार में आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर में खरीदारी देखी गई थी, जो बाजार में उम्मीदों का संकेत दे रहा था। इंडिया वीआईएक्स (INDIA VIX) में 4.21 फीसदी की गिरावट आई और यह 15.08 पर आ गया, जो यह दर्शाता है कि बाजार निकट भविष्य में कम अस्थिरता की उम्मीद कर रहा है।

संस्थागत गतिविधियों की बात करें, तो 5 जून को विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुद्ध विक्रेता रहे, जिन्होंने 208.47 करोड़ के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) 2,382.40 करोड़ की शुद्ध खरीद के साथ मजबूत खरीदार बने रहे, जिससे बाजार को पर्याप्त सपोर्ट मिला। आरबीआई का यह फैसला निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था में ऋण वृद्धि को बढ़ावा देने और वित्तीय बाजारों में सकारात्मक माहौल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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