पीएलआई स्कीम ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को 'मेक इन इंडिया' की ओर कर रही आकर्षित : पीएम मोदी

खबर सार :-
पीएम मोदी ने बुधवार को हैदराबाद में सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया फैसिलिटी का वर्चुटल उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा, पीएलआई स्कीम ने ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को मेक इन इंडिया की ओर आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम ने कई अप्रोच को एक ही प्लेटफॉर्म पर ला दिया है। भारत का फोकस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है। भारत का एविएशन सेक्टर एक नई उड़ान भरने जा रहा है।

पीएलआई स्कीम ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को 'मेक इन इंडिया' की ओर कर रही आकर्षित : पीएम मोदी
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : पीएम मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत ने दुनिया को संदेश दिया है कि देश निवेश और इनोवेशन का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि पीएलआई स्कीम (Production Linked Incentive Scheme) ने ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को 'मेक इन इंडिया' की ओर आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बीते 11 वर्षों में 40 हजार से अधिक अनुपालनों को कम किया गया है।

नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम ने अनेकों अप्रोच को एक ही प्लेटफॉर्म पर ला दिया है। पीएम मोदी ने हैदाराबाद में सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (एसएईएसआई) फैसिलिटी के उद्घाटन पर अपने वर्चुअल संदेश में कहा, "आज का भारत केवल बड़े सपने नहीं देख रहा, बड़े फैसले ले रहा है और उनसे भी बढ़कर बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहा है। भारत का फोकस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है।

हाई टेक और एयरो स्पेस की दुनिया में युवाओं को मिलेंगे नए अवसर

उन्होंने कहा कि आज से भारत का एविएशन सेक्टर एक नई उड़ान भरने जा रहा है। सफ्रान की नई फैसिलिटी भारत को एक ग्लोबल एमआरओ हब के रूप में स्थापित करेगी। हाई टेक और एयरो स्पेस की दुनिया में युवाओं के लिए नए अवसरों को पेश करेगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेश और उद्योगों को आकर्षित करने के लिए स्वतंत्र भारत में कुछ बड़े सुधार किए गए हैं।

अर्थव्यवस्था के दरवाजे खोले गए हैं, फंडामेंटल को मजबूत किया गया है और बिजनेस को आसान बनाया गया है। पीएम मोदी के अनुसार, "डिफेंस जैसे सेक्टर जहां पहले प्राइवेट सेक्टर की जगह नहीं थी वहां भी अब 74 प्रतिशत तक एफडीआई ऑटोमेटिक रूट से संभव हो गया है। स्पेस सेक्टर में बड़ी अप्रोच अपनाई गई है।

दक्षिण भारत के नौजवानों के लिए पैदा होंगे रोजगार के अवसर 

उन्होंने कहा, "भारत के एविएशन सेक्टर में तेजी से विस्तार के चलते मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) की सुविधाओं की जरूरतें बढ़ रही हैं। भारत की एयरलाइन कंपनियों ने 1500 से ज्यादा एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया है। उन्होंने बताया कि भारत का 85 प्रतिशत एमआरओ का काम देश की सीमाओं के बाहर हो रहा था। जिससे खर्च बढ़ता था, समय भी अधिक लगता था और एयरक्राफ्ट लंबे समय तक ग्राउंडेड रहते थे।

यह स्थिति भारत जैसे विशाल एविएशन मार्केट के लिए सही नहीं थी। इसलिए भारत सरकार दुनिया के एक बड़े एमआरओ केंद्र को तैयार कर रही है। उन्होंने कहा, "सफ्रान की ग्लोबल ट्रेनिंग और नॉलेज ट्रांसफर और भारत के संस्थानों के साथ साझेदारी से देश में एक ऐसा वर्कफोर्स तैयार होगा, जो आने वाले समय में पूरे एमआरओ इकोसिस्टम को नई गति और दिशा देगी। इस फैसिलिटी से दक्षिण भारत के नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

भारत में एयरक्राफ्ट इंजन, कंपोनेंट डिजाइन की संभावनों की करें तलाश

पीएम मोदी ने बताया कि देश शिपिंग से जुड़े एमआरओ, इकोसिस्टम पर भी एक बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। उन्होंने सफ्रान की टीम से आग्रह किया कि वे भारत में एयरक्राफ्ट इंजन और कंपोनेंट डिजाइन की संभावनों की भी तलाश करें। जिसमें एमएसएमई का बहुत बड़ा नेटवर्क और युवा टैलेंट पूल उनकी मदद करेगा। उन्होंने सफ्रान की टीम से कहा, "मैं चाहूंगा कि आप प्रपोल्शन डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी भारत के टैलेंट का इस्तेमाल करें।
 

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