CBI Action: ऑपरेशन चक्र-IV के तहत सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे गिरोह का भंडाफोड़

खबर सार :-
सीबीआई की ऑपरेशन चक्र-IV के तहत की गई कार्रवाई से यह साबित हुआ कि अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को लाखों डॉलर का नुकसान पहुंचाया। एफबीआई के सहयोग से यह गिरोह बेनकाब हुआ और कई आरोपी गिरफ्तार किए गए। जांच अभी जारी है, और अन्य अंतरराष्ट्रीय सुरागों पर भी कार्रवाई की जा रही है।

CBI Action: ऑपरेशन चक्र-IV के तहत सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे गिरोह का भंडाफोड़
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-IV के तहत एक बड़ी साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें अमेरिकी नागरिकों को वर्चुअल करेंसी (जैसे बिटकॉइन) के माध्यम से ठगा जा रहा था। इस अपराध में अमेरिकी नागरिकों से लगभग 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 330 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी की गई। सीबीआई ने अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई के सहयोग से यह कार्रवाई की, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ।

वर्चुअल करेंसी वॉलेट्स में ट्रांसफर करवाई जमा राशि

सीबीआई के अनुसार, वर्ष 2023 से 2025 तक, आरोपियों ने एक संगठित योजना के तहत अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया। इन ठगों ने अपने लक्षित पीड़ितों को तकनीकी सहायता का झांसा दिया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनके बैंक खाते हैक हो गए हैं और उनका धन खतरे में है। इसके बाद, इन धोखेबाजों ने डर और भ्रम का इस्तेमाल करते हुए पीड़ितों से उनके खाते में जमा धन वर्चुअल करेंसी वॉलेट्स में ट्रांसफर करवा लिया। सीबीआई के मुताबिक, इस ठगी के परिणामस्वरूप 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी की गई।

अवैध कॉल सेंटर पर सीबीआई ने मारा छापा

सीबीआई के इंटरनेशनल ऑपरेशन डिवीजन ने 18 अगस्त को इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने अमृतसर (पंजाब) में एक अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारा और वहां 34 लोगों को रंगे हाथ पकड़ा। यह कॉल सेंटर “एम/एस डिजीकैप्स द फ्यूचर ऑफ डिजिटल” नाम से चलाया जा रहा था और खालसा कॉलेज फॉर वुमन के पास स्थित था। सीबीआई ने कॉल सेंटर से 85 हार्ड डिस्क, 16 लैपटॉप, और 44 मोबाइल फोन जब्त किए, जिनमें अपराध से जुड़े डिजिटल साक्ष्य थे। इसके बाद, सीबीआई ने 20 अगस्त को अमृतसर और दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर और छापेमारी की। इस दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी अपनी धोखाधड़ी की कमाई को वर्चुअल करेंसी के माध्यम से ट्रांसफर कर रहे थे।

नकदी, इलेक्ट्रानिक उपकरण और दस्तावेज बरामद

आरोपियों के आवासीय परिसरों से 54 लाख रुपये नकद, 8 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (मोबाइल फोन/लैपटॉप), और संबंधित दस्तावेज बरामद हुए। सीबीआई ने तीन प्रमुख आरोपियों, जिगर अहमद, यश खुराना, और इंदरजीत सिंह बाली को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और अपराध की आय की पहचान के लिए जांच भी चल रही है। इसके साथ ही, सीबीआई अन्य अंतरराष्ट्रीय सुरागों पर भी काम कर रही है ताकि इस गिरोह को पूरी तरह से बेनकाब किया जा सके।

अन्य प्रमुख खबरें