Lucknow University : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और तहज़ीब के लिए जानी जाती है, आज एक और उपलब्धि के लिए सुर्खियों में है। यह उपलब्धि है लखनऊ विश्वविद्यालय की, जिसने हाल ही में इंडिया टुडे रैंकिंग 2025 में "सर्वाधिक उन्नत सामान्य सरकारी विश्वविद्यालयों" की श्रेणी में देश भर में पहला स्थान हासिल किया है। यह किसी भी शिक्षा संस्थान के लिए एक बड़ा सम्मान है और प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। यह ख़बर उन सभी के लिए उत्साहजनक है जो मानते हैं कि सरकारी संस्थान भी सही दिशा में काम करके नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
यह रैंकिंग केवल वर्तमान प्रदर्शन पर आधारित नहीं है, बल्कि पिछले पाँच वर्षों (2020-2025) में एक संस्थान की प्रगति और सुधार को मापती है। इस रैंकिंग में गतिशीलता और विकास का मूल्यांकन किया जाता है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस अवधि में जो सुधार दिखाए हैं, वे वाकई असाधारण हैं। जहाँ 2020 में यह विश्वविद्यालय 23वें स्थान पर था, वहीं 2025 तक इसने 11वें स्थान पर पहुँचकर, शीर्ष 5 में पहला स्थान अर्जित किया। यह एक छोटी छलांग नहीं, बल्कि एक लंबी उड़ान है, जो यह साबित करती है कि इरादे अगर पक्के हों, तो बदलाव संभव है।
इस सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधारों को जाता है। पिछले पाँच वर्षों में, विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें नई शैक्षणिक नीतियों का कार्यान्वयन, योग्य और कुशल शिक्षकों की नियुक्ति, शोध कार्यों को बढ़ावा देना, डिजिटल सुविधाओं का विस्तार और छात्रों के लिए बेहतर बुनियादी ढाँचा तैयार करना शामिल है। इन सभी प्रयासों का एक ही लक्ष्य था: छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना।
इस प्रतिस्पर्धा में लखनऊ विश्वविद्यालय ने देश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों को पीछे छोड़ा है। इनमें आंध्र प्रदेश का आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय, पंजाब का गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, तमिलनाडु का भरतियार विश्वविद्यालय और बिहार का डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय जैसे संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों को पीछे छोड़ना यह दर्शाता है कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने सुधारों को कितनी गंभीरता से लिया है।
इस उपलब्धि पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बधाई देते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हो रहे संरचनात्मक सुधारों का नतीजा है। वहीं, कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने इसे उत्कृष्टता की ओर एक कदम बताया और यह वादा किया कि विश्वविद्यालय नवाचार, समावेशिता और वैश्विक मानकों के अनुरूप अपने प्रयासों को जारी रखेगा।
यह रैंकिंग लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि भविष्य में और बेहतर करने की प्रेरणा है। यह साबित करती है कि अगर सही दिशा में, ईमानदारी से और पूरी लगन से काम किया जाए, तो सरकारी संस्थान भी विश्वस्तरीय बन सकते हैं और देश के शैक्षणिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के लिए एक गौरव का क्षण है और प्रदेश के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत।
अन्य प्रमुख खबरें
दूसरे दिन भी जिला निर्वाचन अधिकारी ने किया ईएफ वितरण कार्य का अवलोकन
मोरारी बापू ने मानस राम यात्रा का किया समापन, रामनगरी में हुआ स्वागत
Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक जयंती और देव दीपावली पर PM Modi ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं
छत्तीसगढ़: सुकमा में नक्सलियों की अवैध हथियार फैक्ट्री ध्वस्त, बड़ी मात्रा में हथियार बरामद
Bengal Voter List 2002: पश्चिम बंगाल में SIR शुरू, 2002 की वोटर लिस्ट में मिले केवल 32 फीसदी नाम
रात भर चली पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, कई हथियार बरामद
Karnataka Earthquake: कर्नाटक में भूकंप के झटकों से सहमे लोग, दो महीने में 13 बार डोली धरती