Rahul Gandhi Attack on 'VB-G Ram G' Bill: संसद से पारित विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, जिसे सरकार ‘जी राम जी’ (G RAM G) या ‘वीबी-जी राम जी’ (VB-G RAM G) के नाम से पेश कर रही है, को लेकर सियासी टकराव तेज होता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस कानून को ग्रामीण भारत के खिलाफ बताते हुए इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह विधेयक मनरेगा (MGNREGA) की आत्मा को कमजोर करता है और ग्रामीण मजदूरों से उनका सबसे बड़ा अधिकार छीनने की कोशिश है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह कानून बिना पर्याप्त चर्चा, विशेषज्ञ सलाह और संसदीय समिति की जांच के जल्दबाजी में पारित किया गया। विपक्ष की मांग थी कि इसे स्थायी समिति को भेजा जाए ताकि इसके दूरगामी प्रभावों पर विचार हो सके, लेकिन सरकार ने उस मांग को नजरअंदाज कर दिया।
सरकार दावा कर रही है कि यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) का उन्नत रूप है। नए कानून में ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों के बजाय 125 दिनों तक मजदूरी आधारित रोजगार देने की बात है। हालांकि विपक्ष का तर्क है कि असली समस्या दिनों की संख्या नहीं, बल्कि रोजगार की प्रकृति और अधिकार आधारित व्यवस्था का कमजोर होना है। राहुल गांधी का कहना है कि अब रोजगार की गारंटी मांग पर नहीं, बल्कि केंद्र से नियंत्रित ढांचे पर निर्भर होगी। इससे राज्यों और पंचायतों की भूमिका सीमित होगी और ग्रामीण समाज का वह सामाजिक समझौता टूट जाएगा, जिसने बीते दो दशकों में करोड़ों लोगों को सुरक्षा दी थी।
कांग्रेस नेता का कहना है कि इस नए मॉडल का सबसे ज्यादा असर समाज के कमजोर वर्गों पर पड़ना तय है। महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, भूमिहीन मजदूरों और गरीब पिछड़े वर्गों की सौदेबाजी की ताकत घटेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड महामारी के दौरान मनरेगा ने लाखों परिवारों को भुखमरी और कर्ज से बचाया था, लेकिन नया कानून ऐसी सुरक्षा देने में सक्षम नहीं होगा।
राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी और सहयोगी दल इस कानून को चुपचाप लागू नहीं होने देंगे। मजदूर संगठनों, पंचायत प्रतिनिधियों और राज्यों के साथ मिलकर देशव्यापी मोर्चा बनाया जाएगा। उनका कहना है कि यह लड़ाई केवल एक कानून की नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के भविष्य और सम्मान की है।
वहीं सरकार का तर्क है कि ‘जी राम जी’ विधेयक विकसित भारत 2047 के लक्ष्य से जुड़ा है। सरकार के अनुसार यह योजना ग्रामीण रोजगार को स्थायी आजीविका और बुनियादी ढांचे के विकास से जोड़ेगी। सत्ता पक्ष का दावा है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में काम के नए अवसर पैदा होंगे और विकास की गति तेज होगी। फिलहाल यह विधेयक संसद से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसके लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा। लेकिन राहुल गांधी के आंदोलन के ऐलान के बाद साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा देश की राजनीति के केंद्र में बना रहेगा।
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