18वीं लोकसभा के छठे सत्र का औपचारिक समापन, 111 प्रतिशत रही सदन की उत्पादकता

खबर सार :-
लोकसभा का छठा सत्र उच्च उत्पादकता और महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के साथ समाप्त हुआ। जहां सरकार सत्र की उपलब्धियों को लोकतांत्रिक सफलता मान रही है, वहीं विपक्ष मनरेगा से जुड़े फैसले को लेकर असंतुष्ट है। 111 प्रतिशत उत्पादकता के आंकड़े के बावजूद, सत्र का समापन राजनीतिक मतभेदों और विरोध प्रदर्शनों के बीच हुआ, जो आगे की संसदीय राजनीति की दिशा तय करेगा।

18वीं लोकसभा के छठे सत्र का औपचारिक समापन, 111 प्रतिशत रही सदन की उत्पादकता
खबर विस्तार : -

Loksabha Session Adjourned: लोकसभा का छठा सत्र शुक्रवार को औपचारिक रूप से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र की समाप्ति से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्र कार्यकुशलता और सकारात्मक संसदीय परंपराओं के लिहाज से उल्लेखनीय रहा। उन्होंने बताया कि 18वीं लोकसभा के इस छठे सत्र में कुल 15 बैठकें आयोजित की गईं और सदन की उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत दर्ज की गई।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संबोधन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन में सांसदों के सहयोग और अनुशासन की सराहना की। उन्होंने कहा, “माननीय सदस्यगण, हम 18वीं लोकसभा के छठे सत्र के अंत पर पहुंच चुके हैं। इस सत्र में 15 बैठकें हुईं और आप सभी के सहयोग से सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही।” उन्होंने इसके लिए सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कार्य संस्कृति को और बेहतर बनाने की अपील की।

‘वंदे मातरम’ के साथ कार्यवाही का समापन

अपने संबोधन के अंत में लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से ‘वंदे मातरम’ की धुन के सम्मान में अपने-अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह किया। इसके बाद उन्होंने औपचारिक रूप से यह घोषणा की कि लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाती है। अनिश्चितकालीन स्थगन का अर्थ है कि इस सत्र की अब कोई अगली बैठक नहीं होगी और अगला सत्र राष्ट्रपति की अनुमति से केंद्र सरकार की सिफारिश पर बुलाया जाएगा।

लोकसभा अध्यक्ष ने दी जानकारी

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी सत्र के समापन की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि 18वीं लोकसभा के छठे सत्र का सफलतापूर्वक समापन हुआ है। यह सत्र 1 दिसंबर 2025 को आरंभ हुआ था और इसमें कुल 15 बैठकें हुईं। उन्होंने प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों, लोकसभा सचिवालय तथा मीडिया के प्रति सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

विपक्ष का विरोध-प्रदर्शन जारी

सत्र के आखिरी दिन भी संसद परिसर में विपक्षी दलों का विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने मनरेगा का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया और “मनरेगा को मत मारो” जैसे नारे लगाए। यह विरोध उस विधेयक के खिलाफ था, जिसे गुरुवार को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में पारित किया गया।

मनरेगा की जगह नया विधेयक

सरकार द्वारा पारित विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन विधेयक, जिसे ‘जी राम जी’ कहा जा रहा है, अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेगा। सरकार का कहना है कि यह विधेयक रोजगार और आजीविका के अवसरों को और व्यापक बनाएगा, जबकि विपक्ष इसे गरीब विरोधी कदम बता रहा है।

 

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