Jammu-Kashmir Ramban Cloudburst: जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर जारी है। शनिवार सुबह रामबन और रियासी जिले में बादल फटने से हाहाकार मच गया है। रामबन जिले के राजगढ़ तहसील क्षेत्र में बादल फटने से जहां पांच लोगों की मौत हुई है, वहीं रियासी जिले में बादल फटने से 7 लोगों की जान चली गई है। इन दोनों घटनाओं में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता है। वहीं दर्जनों घर मलबों में तब्दील हो चुके हैं। फिलहाल, राहत और बचाव कार्य जारी है।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार तड़के राजगढ़ क्षेत्र में बादल फटा, जिसकी चपेट में कुछ गांव आ गए। इस घटना से इलाके में भारी तबाही मची। तेज बहाव के कारण कई घर पूरी तरह बह गए। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र से फिलहाल पांच शव बरामद किए गए हैं। बचाव दल तुरंत मौके पर भेज दिए गए हैं और लापता लोगों की तलाश जारी है। इसके अलावा, पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विस्थापित परिवारों को आश्रय देने और भोजन, पानी और बुनियादी चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी राहत शिविर भी स्थापित किए गए हैं।
दूसरी ओर, रियासी के माहोर डब्बर गांव में देर रात बादल फटा, जिसके बाद अचानक आई बाढ़ और लैंडस्लाइड में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यहां रात लगभग 12 बजे बादल फटा और तेज़ बारिश शुरू हो गई। सुबह जब तक ग्रामीणों को पता चला, तब तक कई घर मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके थे। रियासी में बादल फटने से जान गंवाने वाले 7 लोगों में 5 बच्चे हैं। बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अब तक तीन शव बरामद किए जा चुके हैं। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। रिपोर्टों के अनुसार, अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। खासकर श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में हुए भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
रियासी और डोडा जिलों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, नदियों के उफान पर होने और कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने से 9 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, जम्मू, सांबा और कठुआ समेत कई जिलों में संपत्ति और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों का जलस्तर अभी भी ऊंचा बना हुआ है। ऐसे में प्रशासन लगातार नदियों और नालों के आसपास रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है।
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