FICCI Education Summit 2025: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका प्रशिक्षित, प्रतिभाशाली और कुशल युवा वर्ग है, जिसे शिक्षा और नवाचार आधारित अनुसंधान से जोड़ कर भारत को वैश्विक शक्ति बनाया जा सकता है। वे यहां फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन 2025 में संबोधित कर रहे थे।
गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तभी साकार हो सकता है, जब हम उच्च शिक्षा प्रणाली को नवाचार और व्यावहारिक अनुसंधान से जोड़ें। उन्होंने कहा कि दुनिया के विकसित देशों ने भी अपनी ताकत इसी रास्ते पर चलते हुए बनाई है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि भारत को अपनी शिक्षा व्यवस्था को भविष्योन्मुखी बनाना होगा। इसे जिला एवं राज्य स्तर की स्थानीय आवश्यकताओं और संसाधनों के अनुसार पुनर्गठित करना होगा। विश्वविद्यालयों को अपने क्षेत्र की चुनौतियों, संसाधनों और अवसरों का आकलन कर स्थानीय विकास के साथ शिक्षा को जोड़ना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि भारत ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तेज़ प्रगति की है। जहां पहले प्रतिदिन मात्र 2 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता था, आज यह आंकड़ा 40 किलोमीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि देश में आज बड़े स्तर पर पुल, सुरंगें और मेट्रो प्रोजेक्ट बन रहे हैं। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत में अभी भी टनल निर्माण तकनीक और अनुसंधान की भारी कमी है। स्वीडन, जर्मनी और ज्यूरिख जैसे देशों में इस क्षेत्र के लिए विशेष संस्थान हैं, जिनकी तर्ज पर भारत को भी कार्य करना चाहिए।
गडकरी ने मलेशिया में विकसित नई निर्माण तकनीक का उल्लेख करते हुए बताया कि यह अवसंरचना विकास में क्रांति ला सकती है। इस तकनीक के तहत 30 मीटर के बजाय 120 मीटर की दूरी तक स्टील फाइबर प्रीकास्ट संरचनाओं से पुल या मेट्रो लाइन बनाई जा सकती है। इससे निर्माण लागत में 25% तक की बचत संभव है। उन्होंने कहा कि अगर यह तकनीक चेन्नई मेट्रो प्रोजेक्ट में लागू होती है, तो करीब 15 से 20 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। उन्होंने इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष भी प्रस्तुत किया है।
गडकरी ने भारतीय शैक्षणिक संस्थानों से अपील की कि वे केवल डिग्री नहीं, बल्कि प्रायोगिक ज्ञान, व्यावसायिक प्रशिक्षण और नवाचार को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को स्थानीय और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप ढालना होगा। भारत को यदि तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है, तो केवल परंपरागत शिक्षा से काम नहीं चलेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि देश के तेज़ी से विकास के लिए स्किल-आधारित शिक्षा, रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना अनिवार्य है। गडकरी ने यह भी कहा कि भारतीय युवाओं को अवसर और संसाधन दिए जाएं, तो वे विश्व स्तर पर नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं।
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