रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ी मुश्किले, डिफेंस डीलर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में  ED ने दायर की चार्जशीट

खबर सार :-
Robert Vadra News: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने UK के डिफेंस डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट फाइल की है। यह चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में फाइल की गई।

रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ी मुश्किले, डिफेंस डीलर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में  ED ने दायर की चार्जशीट
खबर विस्तार : -

Robert Vadra News: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने लंदन में रहने वाले भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। यह दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत फाइल की गई। अधिकारियों के मुताबिक, PMLA के तहत वाड्रा का बयान इस साल जुलाई में रिकॉर्ड किया गया था।

Robert Vadra News: 6 दिसंबर को होगी सुनवाई

कोर्ट इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा। रॉबर्ट वाड्रा को इस केस में नौवां आरोपी बनाया गया है। कोर्ट ने अभी तक सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है। फेडरल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने रॉबर्ट वाड्रा के विदेशी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन और संजय भंडारी से जुड़ी प्रॉपर्टीज से कनेक्शन का आरोप लगाया है, जिन पर पहले से ही विदेश में बेनामी संपत्ति छिपाने का आरोप है।

संजय भंडारी भगोड़ा घोषित 

संजय भंडारी 2016 में भारत से भाग गया था। दिल्ली की एक कोर्ट ने तब से उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। ED की जांच 2016 में भंडारी पर इनकम टैक्स की रेड से शुरू हुई, जिसमें कथित तौर पर ईमेल और डॉक्यूमेंट मिले थे, जिनसे पता चलता है कि उसके वाड्रा और उसके साथियों से संबंध थे। ED ने पहले भी भारत में वाड्रा या उससे जुड़ी कंपनियों की कई प्रॉपर्टी अटैच की हैं, और दावा किया है कि वे भंडारी के ऑफशोर डीलिंग से क्राइम की कमाई थीं।

ED की जांच में क्या कुछ मिला

इस बीच, ED ने एक स्पेशल कोर्ट को बताया कि वाड्रा को गुरुग्राम में एक फ्रॉड लैंड डील से 58 करोड़ रुपये मिले। इसमें से 53 करोड़ रुपये स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और 5 करोड़ रुपये ब्लू ब्रीज़ ट्रेडिंग के ज़रिए आए। ED ने कहा कि वाड्रा ने कथित तौर पर इस पैसे का इस्तेमाल रियल एस्टेट खरीदने, इन्वेस्टमेंट करने, लोन बांटने और अपनी ग्रुप कंपनियों की देनदारियों को निपटाने के लिए किया।

अपनी जांच के हिस्से के तौर पर, सेंट्रल एजेंसी ने 38.69 करोड़ रुपये की 43 अचल प्रॉपर्टीज़ को प्रोविजनल तौर पर अटैच किया है, जिन्हें क्राइम से कमाए गए पैसे या उतनी ही कीमत की प्रॉपर्टी के तौर पर पहचाना गया है। एजेंसी द्वारा लिस्ट की गई प्रॉपर्टीज़ में राजस्थान के बीकानेर में ज़मीन, गुरुग्राम के गुड अर्थ सिटी सेंटर में यूनिट्स, मोहाली के बेस्टेक बिज़नेस टावर में यूनिट्स और अहमदाबाद के जय अम्बे टाउनशिप में रेजिडेंशियल यूनिट्स शामिल हैं।

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