असम में 2026 का रणः भाजपा के लिए सत्ता बनाए रखना कठिन, रणनीति पर दो दिवसीय महामंथन जारी

खबर सार :-
2026 विधानसभा चुनावों को लेकर असम में भाजपा ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। डिब्रूगढ़ में चल रही दो दिवसीय बैठक में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित शीर्ष नेताओं ने चुनावी समीकरणों पर विचार किया। सत्ता-विरोधी लहर और विपक्ष के उभार ने भाजपा को सतर्क कर दिया है।

असम में 2026 का रणः भाजपा के लिए सत्ता बनाए रखना कठिन, रणनीति पर दो दिवसीय महामंथन जारी
खबर विस्तार : -

डिब्रूगढ़, असमः 2026 के विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही असम की सियासत में हलचल तेज होते दिखने लगी है। राज्य की सत्ता पर काबिज़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब नए सिरे से अपनी सियासी रणनीति को धार देने में जुटी है। डिब्रूगढ़ में पार्टी की प्रदेश इकाई की दो दिवसीय बैठक का दूसरा दिन है, जिसमें मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अन्य शीर्ष नेता आगामी चुनावों को लेकर मंथन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम चुनावी रणनीति तय कर चुके हैं। सरमा के अनुसार यह बैठक बहुत रचनात्मक रही और कई गहन मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ है।

भाजपा के सामने इस बार सत्ता तक पहुंचने की राह आसान नहीं

गुरुवार को हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष दिलीप सैकिया, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, और प्रदेश प्रभारी हरीश द्विवेदी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस दौरान संगठनात्मक ढांचे, क्षेत्रीय समीकरणों, और संभावित प्रत्याशियों को लेकर मंत्रणा की गई। हालांकि सियासी रणनीति तैयार हो चुकी है, लेकिन भाजपा के सामने इस बार सत्ता तक पहुंचने की राह आसान नहीं है। राज्य में सत्ता-विरोधी लहर में धीरे धीरे तेज़ हो रही है और क्षेत्रीय असंतोष भी उभर रहा है। भाजपा के लिए यह चुनाव सिर्फ़ सत्ता में वापसी की कोशिश नहीं, बल्कि पूर्वाेत्तर के गढ़ को बचाने की लड़ाई बन चुकी है।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई का तेजी से हो रहा उभार

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई का उभार तेजी से हो रहा है। युवाओं में बढ़ती नाराज़गी, और आर्थिक मुद्दों पर असंतोष, ये सभी मिलकर राज्य में भाजपा की चुनावी गणित को बिगाड़ सकते हैं। साथ ही, क्षेत्रीय दलों की सक्रियता और गठबंधन संभावनाएं समीकरणों को और उलझा सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो असम का विधानसभा चुनाव में नेतृत्व की निरंतरता बनाम बदलाव का जनमत संग्रह होगा। भाजपा को अपने पांच साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों को मजबूती के साथ जनता के सामने रखना होगा, वहीं विपक्षी खेमा बदलाव की लहर का लाभ उठाना चाहेगा। बैठक के दूसरे दिन लिए गए फैसलों को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया शाम को प्रेस को संबोधित करेंगे।

अन्य प्रमुख खबरें