Resignation of Warren Buffet: वॉरेन बफेट के बाद ग्रेग एबेल बनेंगे बर्कशायर हैथवे के सीईओ

खबर सार : -
दुनिया के नामचीन बिजनेसमैन 94 वर्षीय वॉरेन बफेट साल 2025 के अंत तक बर्कशायर हैथवे के सीईओ पद से हट जाएंगे। बफेट ने ग्रेग एबेल अपना उत्तराधिकारी चुना है। इस साल उनकी संपत्ति में 16.4 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि अन्य अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट आई है। बफेट ने टेक और बैंकिंग में हिस्सेदारी बेची और अमेरिकी ट्रेजरी का समर्थन किया है।

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः बर्कशायर हैथवे के सीईओ वॉरेन बफेट ने 2025 के आखिर तक सेवानिवृत्त होने की घोषणा कर दी है। ओमाहा में कंपनी की वार्षिक शेयरधारकों की बैठक में बफेट ने कहा कि बोर्ड जल्द ही इस बदलाव को औपचारिक रूप देगा। उन्होंने ग्रेग एबेल को अपना उत्तराधिकारी नामित कर दिया है। इस संबंध में वॉरेन ने वार्षिक बैठक में कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है, जब ग्रेग को वर्ष के अंत तक कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन जाना चाहिए। बफे का यह फैसला अप्रत्याशित तो नहीं था, लेकिन उनके ऐलान ने सबको चौंका जरूर दिया। वॉरेन बफेट की संपत्ति में इस साल 16.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है, जबकि अन्य अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि बफे ने सावधानी बरतते हुए टेक और बैंकिंग में हिस्सेदारी बेची, नकदी जमा की और ऊंची यील्‍ड वाले अमेरिकी ट्रेजरी का समर्थन किया। बर्कशायर के पास 2024 के अंत तक 334 अरब डॉलर की नकदी थी।

बैंक शेयरधारकों के साथ पांच घंटे की प्रश्नोत्तरी खत्म होने के बाद किया ऐलान

वॉरेन बफेट ने वार्षिक शेयरधारकों की बैठक के दौरान करीब पांच घंटे के प्रश्नोत्तरी सेशन में हिस्सा लिया। उन्होंने सभी के सवालों को बहुत ही इत्मीनान से सुना और उसका विस्तृत जवाब भई दिया। कार्यक्रम की समाप्ति के दौरान बफेट ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा भी कर दी, लेकिन उनके निर्णय पर किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। हालांकि, बफेट ने मंच से खुलासा किया कि सेवानिवृत्ति से जुड़े निर्णय के बारे में केवल उनके बच्चों, हॉवर्ड और सूजी बफेट को ही पहले से जानकारी थी। यहां तक की मंच पर उनके बगल की सीट पर बैठे ग्रेग एबेल को भी सेवानिवृत्ति का ऐलान किए जाने को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। वॉरेन बफेट बर्कशायर हैथवे के सीईओ पर से इस्तीफा देने और उत्तराधिकारी के तौर पर ग्रेग एबेल के नाम की सिफारिश करने के बाद भी कंपनी से जुड़े रहेंगे। बफेट ने कंपनी में अपना भाग्य निवेश करने का वचन देकर एबेल में अपने विश्वास को मजबूत किया है। बफेट ने मंच से ऐलान किया कि इस्तीफा देने के बाद वह अपनी शेयरधारिता बनाए रखेंगे और एबेल को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि बर्कशायर हैथवे का एक भी शेयर बेचने का मेरा कोई इरादा नहीं है। हर शेयर रखने का निर्णय एक आर्थिक निर्णय है, क्योंकि मुझे लगता है कि बर्कशायर की संभावनाएं ग्रेग के प्रबंधन के तहत मेरे प्रबंधन से बेहतर होंगी। इस कार्यक्रम में उपस्थित कई निवेशकों का मानना है कि एबेल बर्कशायर हैथवे का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन उनके निवेश कौशल के बारे में सवाल बने हुए हैं।

267 अरब डॉलर की सम्पत्ति के मालिक हैं वॉरेन बफेट

वॉरेन बफेट की सम्पत्तियों की बात करें, तो वो 267 अरब डॉलर के स्टॉक पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं। इसमें एप्पल, अमेरिकन एक्‍सप्रेस और कोका कोला जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। अपनी अपार संपत्ति के बावजूद बफेट साधारण जीवन जीते हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का ज्‍यादातर हिस्‍सा बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दान करने का वादा किया है। बफे का इस्तीफा बर्कशायर हैथवे के सीईओ के रूप में 54 साल के कार्यकाल का अंत है। अब उनकी विरासत ग्रेग एबेल को मिलेगी। बता दें, बफे ने शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में कहा था कि मुझे कुछ भी आकर्षक नहीं लग रहा है। 2024 के अंत तक बर्कशायर के पास 334 अरब डॉलर का कैश था। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यह उनकी दूरदर्शिता है। वह आर्थिक अनिश्चितता से निपटने के लिए तैयार हैं। वैश्विक स्तर पर देखें, तो जहां  जहां एलन मस्‍क, जेफ बेजोस और मार्क जुकरबर्ग जैसे लोगों की संपत्ति में गिरावट आई है। वहीं, बफेट ने अपनी संपत्ति बढ़ाई है। उन्होंने टेक और बैंकिंग कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच दी। साथ ही, उन्होंने खूब सारा कैश जमा किया और अमेरिकी ट्रेजरी में निवेश किया।

ग्रेग एबेल के बारे में जानें... 

कनाडा में जन्मे एबेल एडमॉन्टन, अल्बर्टा की एक लेबर एरिया में पले-बढ़े हैं। उन्होंने अल्बर्टा विश्वविद्यालय से अकाउंटिंग की पढ़ाई की और डिस्टिंक्शन के साथ स्नातक की उपाधि हासिल की थी। इसके बाद वह एडमॉन्टन में परामर्शदात्री फर्म पीडब्ल्यूसी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में शामिल हो गये। यहां काम करने के बाद कंपनी के सैन फ्रांसिस्को स्थित कार्यालय चले गए थे। 1992 से 2008 तक कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहने के बाद 1999 में अध्यक्ष बने, जब यह मिडअमेरिकन एनर्जी होल्डिंग्स कंपनी बन गई। 2014 में, मिडअमेरिकन बर्कशायर हैथवे एनर्जी बन गयी, जो कि बफेट के बहुराष्ट्रीय समूह की एक सहायक कंपनी बनी। बर्कशायर हैथवे एनर्जी के पास 90 बिलियन डॉलर से अधिक की परिसंपत्तियां हैं और अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और फिलीपींस में ऊर्जा कारोबार में इसकी सहायक कंपनियां हैं।

 

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