नई दिल्लीः भारत सरकार की डिजिटल इंडिया और कैशलेश ट्रांजैक्शन की मुहिम का व्यापक असर दिखने लगा है। अब आम जनता से लेकर कॉर्पोरेट जगत से जुड़े लोगों को भी नकद लेन-देन से अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना आसान लगता है। यूपीआई से पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार और बैंकों के अलावा यूपीआई ट्रांजैक्शन की ऑनलाइन सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों भी समय-समय पर अनेकों बदलाव किए हैं, जिसकी वजह से यूपीआई से पेमेंट की प्रक्रिया अत्यंत सरल हो गई है। यूपीआई के माध्यम से होने वाले लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 17.89 अरब पर पहुंच गई है। पेमेंट के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 65.79 करोड़ हो गई है। इस बीच नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई के आदेश के बाद यूपीआई से होने वाले ट्रांजैक्शन का टाइमिंग भी 30 सेकंड से घटकर 15 सेकंड हो जाएगा। यह प्रक्रिया 16 जून से शुरू होने जा रही है, जिसमें एपीआई रेस्पॉन्स टाइम की अहम भूमिका होगी।
एनपीसीआई ने यूपीआई और क्यूआर कोड ऐप के माध्यम से ट्रांजैक्शन की सुविधा उपलब्ध कराने वाली सभी कंपनियों से नये नियमों के अनुसार अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। इसमें फोनपे, पेटीएम और गूगल पे जैसे बड़े प्लेटफार्म से भी कहा है कि वो नए नियमों के अनुसार अपने सिस्टम को अपडेट कर लें, जिससे की यूपीआई के माध्यम से पेमेंट करने वाले यूजर्स को पेमेंट करने और उसकी पुष्टि की जानकारी होने में कम से कम समय लगे। इसमें एपीआई रिस्पांस टाइम 30 सेकंड से घटाकर 15 सेकंड करने का नया नियम 16 जून 2025 से लागू हो जाएगा। इस अपडेट के कारण अब यूपीआई ट्रांजेक्शन का स्टेटस चेक करने और पेमेंट को अनडू या उलटने के लिए लगने वाला 30 सेकंड का प्रतिक्रिया समय घटकर सिर्फ 10 सेकंड हो जाएगा। इस बदलाव से यूपीआई के जरिए पैसे भेजने और पाने की प्रक्रिया सभी यूजर्स के लिए काफी तेज और अधिक आसान हो जाएगी। एनपीसीआई की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि इन बदलावों का मकसद यूजर्स के ओवरऑल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है। वह चाहती है कि यूपीआई पेमेंट का यूज करने वाले तमाम लोग झट से पेमेंट कर पाएं और उन्हें फटाफट से पैसा रिसीव हो। इससे निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में सभी यूजर्स को पता चलेगा कि यूपीआई को लेकर लागू किया गया यह फैसला कितना कारगर साबित हुआ है।
यूपीआई ऐप से पैसे भेजने के दौरान क्यूआर कोड स्कैन करने में और लेनदेन की पुष्टि होने में 30 सेकंड से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है, जो कई बार काफी लंबा हो जाता है। एनपीसीआई ने इस देरी को कम करने का फैसला किया है। ‘एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ यानी एपीआई खास तरह के रूल्स का एक सेट होता है, जिसके अनुसार सॉफ्टवेयर एक-दूसरे से कनेक्ट करते हैं। यूपीआई पेमेंट सिस्टम में इसका इस्तेमाल होता है। एपीआई रेस्पॉन्स टाइम, उस समय को कहा जाता है, जिसमें एपीआई के लिए रिक्वेस्ट आती है, उसे प्रोसेस किया जाता है और रेस्पॉन्स वापस भेजने में जो समय लगता है, उसी को काउंट किया जाता है।
अन्य प्रमुख खबरें
Foreign Exchange Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 688 बिलियन डॉलर के पार
बिजनेस
05:44:44
Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार लगातार सातवें दिन हरे निशान में बंद
बिजनेस
12:01:40
INR VS Dollar: डॉलर के मुकाबले सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा रुपया
बिजनेस
07:04:33
KYC: अब निवेशक घर बैठे करा सकेंगे केवाईसी
बिजनेस
09:56:26
PWC Shutdown: स्कैम से बचने को पीडब्ल्यूसी ने कई देशों में बंद किया काम
बिजनेस
12:17:18
Foreign Investors: भारतीय इक्विटी बाजार में विदेशी निवेशकों की जोरदार वापसी
बिजनेस
07:16:36
All Time High: 116.67 अरब डॉलर तक पहुंचा इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात
बिजनेस
10:08:35
Claim settlement in EPFO: ईपीएफओ में क्लेम का सेटलमेंट करना हुआ आसान
बिजनेस
11:02:39
Stock Market: शेयर बाजार में आई तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में भी उछाल
बिजनेस
08:21:39
Indian Oil: इंडियन ऑयल के मुनाफे में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
बिजनेस
05:59:26